गरिमा तार-तार...द्रौपदी के 'चीरहरण' पर सियासी 'महाभारत'

महामहिम पर अशोभनीय टिप्पणी : द्वापर युग में पांचाली (द्रौपदी) के कड़वे बोल के कारण महाभारत युद्ध और चीरहरण जैसी घटना हुई, अब द्रौपदी मुर्मू पर अमर्यादित टिप्पणी को लेकर सियासी महाभारत शुरू हो गई है। अब महिला की अस्मिता का चीरहरण हुआ है। वाक् युद्ध में संसद से सड़क तक बयानों के तीर चल रहे हैं।
गरिमा तार-तार...द्रौपदी के 'चीरहरण' पर सियासी 'महाभारत'
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कहावत है कि गोली के घाव भर जाते हैं, लेकिन बोली के नहीं। कहावत यह भी है कि पहले तोल, फिर बोल अर्थात सोच समझकर बोलो। जी हां बोली की मिठास जहां लोगों के दिल में घर बना लेती है, वहीं कड़वे बोल दिलों में कड़वाहट घोल देते हैं। लाखों वर्ष पहले द्वापर युग में कौरव-पांडवों के बीच हुए महाभारत युद्ध का एक बड़ा कारण भी कड़वे बोल बना था। तब पांचाली (द्रौपदी) के दुर्योधन को बोले गए बोल 'अंधे का पुत्र अंधा' महाभारत युद्ध होने का एक बड़ा कारण बना था। यदि तब पांचाली उक्त बोल बोलने से पहले जरा सा भी विचार कर लेतीं तो शायद इतना भीषण युद्ध ही न होता।

हालांकि तब पांडव पत्नी द्रौपदी के कड़वे बोलों की वजह से महाभारत हुआ, यह कहा जाता है। जबकि आज महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की अमर्यादित टिप्पणी को लेकर सियासी महाभारत शुरू हो गई है। आज कलयुग है और तब द्वापर युग था, लेकिन दोनों की युगों में किरदार है 'द्रौपदी'। फर्क सिर्फ इतना है कि तब की द्रौपदी के कड़वे बोलों की वजह से महाभारत युद्ध और चीरहरण जैसी घटनाएं घटित हुईं, जबकि आज का 'द्रौपदी' का 'चीरहरण' कुछ सियासी लोग कर रहे हैं। तब पांचली द्रौपदी का चीरहरण हुआ, जिसमें महिला अस्मिता की धज्जियां उड़ाई गईं और अब देश के सर्वोच्च पद पर बैठीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर अमर्यादित टिप्पणी कर महिला अस्मिता की धज्जियां उड़ाई गई है।

यहां यह भी गौर करने वाली बात है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने अमर्यादित टिप्पणी करने के बाद भी पहले तो इसे अपनी जुबान फिसला बताकर पल्ला झाड़ने का प्रयास किया पर महामहिम से माफी तक नहीं मांगी, उल्टे कहा कि वे भाजपा से माफी क्यूं मांगें, जबकि पूरे मामले में भाजपा ने खुद से माफी की मांग कहीं नहीं की। मामले में जब भाजपा हमलावर हुई और लोकसभा व राज्यसभा में कांग्रेस को आड़े हाथ लिया तब जाकर अधीर रंजन ने कहा कि वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से माफी मांगेंगे। उधर, राष्ट्रपति पर की गई टिप्पणी को लेकर ससंद में जमकर हंगामा हुआ। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी की मांग की, जिसे लेकर दोनों के बीच काफी नोक-झोंक हुई। इतना ही नहीं सोनिया गांधी ने तो स्मृति ईरानी से 'Don't talk to me' तक कह दिया।

द्रौपदी मुर्मू को लेकर बिगड़े बोल...

  • राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव से द्रौपदी मुर्मू को समर्थन नहीं देने के बारे में मीडिया द्वारा पूछने पर उन्होंने कहा था कि हम राष्ट्रपति भवन में मूर्ति नहीं चाहते। किसी ने कभी उन्हें (द्रौपदी मुर्मू) कुछ बोलते सुना है?

  • फिल्म डायरेक्टर राम गोपाल वर्मा ने राष्ट्रपति उम्मीदववार द्रौपदी मुर्मू पर 22 जून को अपने ट्विटर हैंडल विवादित ट्वीट किए। ट्वीट में वर्मा ने लिखा कि अगर द्रौपदी राष्ट्रपति है, तो पांडव कौन है? उससे भी जरूरी यह है कि कौरव कौन हैं?

  • कांग्रेस नेता पवन बंसल ने ट्वीट किया था, 'जो व्यक्ति उप राष्ट्रपति रह चुका है, उनके ख़िलाफ़ आप कुछ भी ऊल जुलूल बकवास कर दें, लेकिन जो अभी राष्ट्रपति बनी भी नहीं हैं, उनकी राजनैतिक विचारधारा के ख़िलाफ़ किसी ने कुछ बोल दिया तो आप उसके पीछे पड़ जाएं?

  • भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद समीर उरांव के अनुसार कांग्रेस नेता अजय कुमार ने एक मीडिया हाउस को दिये गये बयान में कहा था कि द्रौपदी मुर्मू 'देश की एक शैतानी विचारधारा' का प्रतिनिधित्व करती हैं। साथ ही अजय कुमार ने आगे यह भी कहा था कि उन्हें (द्रौपदी मुर्मू) आदिवासियों का प्रतीक नहीं बनाना चाहिए।

  • अब कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में राष्ट्रपति के लिए ‘राष्ट्रपत्नी’ शब्द का उपयोग कर दिया। इसे उन्होंने जुबान फिसलने से हुई चूक बताया है।

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