
George Soros Statement: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि अंतरराष्ट्रीय कारोबारी जॉर्ज सोरोस ने अपनी दुर्भावना को जाहिर किया है कि कैसे वो भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को डैमेज करना चाहते हैं। ईरानी ने कहा कि एक विदेशी ताकत, जिसके केंद्र बिंदु में जॉर्ज सोरोस हैं, उन्होंने ऐलान किया है कि हिंदुस्तान के लोकतांत्रिक ढांचे को चोट पहुंचाएंगे, पीएम मोदी को अपने वार का मुख्य बिंदु बनाएंगे। उन्होंने ऐलान किया है कि वो ऐसी व्यवस्था बनाएंगे जो उनके हितों की रक्षा करे।
केंद्रीय मंत्री ईरानी ने कहा कि जॉर्ज सोरोस का ऐलान है कि मोदी को चोट पहुंचाएंगे और लोकतांत्रिक प्रकिया को ध्वस्त करेंगे। हर हिंदुस्तानी को उसका मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए। स्मृति ईरानी ने कहा कि आज जब अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड के राष्टाध्यक्ष आभार प्रकट करते हैं, भारत विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था बना है, ऐसे समय में जॉर्ज सोरोस का लोकतांत्रिक तरीके से चुनी सरकार को चुनौती देने का ऐलान करते हैं। वो सत्ता परिवर्तन की बात करते हैं। ईरानी ने कहा कि उन्होंने हिंदुस्तान की लोकतांत्रिक व्यवस्था को ध्वस्त करने का ऐलान किया है।
ईरानी ने कहा कि जिस व्यक्ति ने बैंक ऑफ़ इंग्लैंड को तोड़ा और राष्ट्र द्वारा आर्थिक युद्ध अपराधी के रूप में नामित किया गया, उसने अब भारतीय लोकतंत्र को तोड़ने की इच्छा व्यक्त की है। जॉर्ज सोरोस ने भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करने के अपने बुरे इरादे की घोषणा की है।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि जॉर्ज सोरोस एक ऐसी सरकार चाहते हैं जो उनकी आवश्यकताओं के अनुकूल हो, ये उनके बयान से स्पष्ट है। उन्होंने पीएम मोदी जैसे नेताओं को टारगेट करने के लिए एक अरब डॉलर से अधिक की फंडिंग की घोषणा की है। हम हर 5 साल में एक लोकतांत्रिक सरकार चुनते हैं।
उधर, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस मुद्दे पर जॉर्ज सोरोस को फटकार लगाई है। उन्होंने कहा, PM से जुड़ा अडानी घोटाला भारत में लोकतांत्रिक पुनरुत्थान शुरू करता है या नहीं, यह पूरी तरह कांग्रेस, विपक्ष व हमारी चुनाव प्रक्रिया पर निर्भर है। इसका जॉर्ज सोरोस से कोई लेना-देना नहीं हैं हमारी नेहरूवादी विरासत सुनिश्चित करती है कि उन जैसे लोग हमारे चुनाव परिणाम तय नहीं कर सकते।
दरअसल, अमेरिकी अरबपति अंतरराष्ट्रीय कारोबारी जॉर्ज सोरोस ने हाल ही में अडानी मुद्दे पर पीएम मोदी पर निशाना साधा था। सोरोस ने कहा था, मोदी इस मुद्दे पर शांत हैं, लेकिन उन्हें विदेशी निवेशकों और संसद में सवालों के जवाब देने होंगे। सोरोस म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा था कि यह भारत की संघीय सरकार पर मोदी की पकड़ को काफी कमजोर कर देगा और बहुत जरूरी संस्थागत सुधारों को आगे बढ़ाने के दरवाजा खोल देगा। उन्होंने कहा था, मुझे उम्मीद है कि भारत में एक लोकतांत्रिक परिवर्तन होगा।