Gyanvapi Case: ज्ञानवापी पर मुस्लिम पक्ष को झटका, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- 31 जुलाई तक ASI सर्वे करे पूरा

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट को फैसला आ गया है।
ज्ञानवापी फाइल फोटो
ज्ञानवापी फाइल फोटो
Updated on

Allahabad High Court on Gyanvapi: इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी खबर आई है। ज्ञानवापी परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट को फैसला आ गया है।

हाईकोर्ट ने एएसआई को आदेश दिया है कि वह 31 जुलाई तक सर्वे पूरा करे। हाईकोर्ट के इस आदेश से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि वह एएसआई सर्वे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गया था।

बता दें कि रामजन्मभूमि का आधार भी एएसआई सर्वे ही बना था। इससे पहले ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट गया था।

सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि 26 जुलाई शाम 5 बजे तक ज्ञानवापी परिसर का ASI सर्वेक्षण नहीं होगा। इस बीच मस्जिद समिति उच्च न्यायालय का रुख करेगी।

यह था वाराणसी कोर्ट का आदेश

वाराणसी कोर्ट के जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने 21 जुलाई को आदेश दिया था कि ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने को छोड़कर बाकी हिस्से की एएसआई वैज्ञानिक जांच करे। साथ ही रिपोर्ट बनाकर 4 अगस्त तक दे और बताए कि क्या मंदिर तोड़कर उसके ऊपर मस्जिद बनाई गई है?

वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी मूल वाद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को सर्वे की मंजूरी दी थी। एएसआई को 4 अगस्त तक कोर्ट में रिपोर्ट सौंपनी है।

मुस्लिम पक्ष ने एएसआई सर्वे का विरोध किया था। हिंदू पक्ष की ओर से वजूखाने को छोड़कर 16 मई को वादिनी सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी की तरफ से दिए गए आवेदन पर वाराणसी कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।

अंजुमन मस्जिद कमेटी ने किया था सर्वे का विरोध

हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि वैज्ञानिक सर्वेक्षण से सच्चाई सबके सामने आएगी। कोर्ट कमिश्नर के सर्वे में परिसर के अंदर हिन्दू धर्म से जुड़े तमाम तथ्य मिले थे।

एएसआई द्वारा सर्वेक्षण को लेकर तमाम विशेषज्ञ आएंगे। 4 अगस्त को अगली तारीख है, और एएसआई की टीम बताएगी कि आगे की सर्वे प्रक्रिया कैसे होगी।

सर्वे में बिना क्षति पहुचाएं पत्थरों, देव विग्रहों, दीवारों सहित अन्य निर्माण की उम्र का पता लग जाएगा। वहीं, विपक्षी अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने सर्वे कराने के आवेदन का विरोध किया था।

बता दें पिछले साल 16 मई को सर्वेक्षण के दौरान ज्ञानवापी परिसर में हिन्दू पक्ष ने शिवलिंग मिलने की बात कही थी। हिन्दू पक्ष ने दावा किया था कि 16 मई 2022 को ज्ञानवापी परिसर के एडवोकेट कमिश्नर सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मिला था।