Income Tax Notice to Congress: कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले भारी संकट में है। इनकम टैक्स विभाग ने कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका दे दिया है। आयकर विभाग पार्टी से उसकी कुल संपत्ति लगभग 1,430 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग दोगुनी धनराशि की मांग कर सकता है।
कांग्रेस ने कहा कि उसे पांच सालों के लिए 1,823 करोड़ रुपये के आयकर विभाग ने नोटिस दिया है और अभी भी तीन सालों के लिए वसूली नोटिस भेजा जाना है।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस से 2,500 करोड़ की वसूली की जा सकती है। ये कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका होगा, क्योंकि पार्टी की कुल संपत्ति लगभग 1,430 करोड़ रुपये की है. यह नोटिस साल 2017-18 से 2020-21 के लिए भेजा गया है। आयकर विभाग की ओर से भेजे गए नोटिस में टैक्स, जुर्माना और ब्याज भी जोड़ा गया है। सूत्रों ने बताया कि 31 मार्च के नोटिस के बाद कांग्रेस से वसूली जाने वाली कुल राशि 2,500 करोड़ रुपये को पार कर सकती है।
सीधी बात करें को कांग्रेस दिवालिया होने के बाद भी 2,500 करोड़ रुपये की इतनी रकम नहीं चुका पाएगी, क्योंकि यह उसकी नेटवर्थ से कहीं ज्यादा है। आईटी विभाग वसूली पर रोक लगाने के लिए निर्धारिती को मांगी गई राशि का 20 प्रतिशत भुगतान करने का विकल्प देता है।
आईटी विभाग के एक्शन को रोकने के लिए कांग्रेस अब सुप्रीम कोर्ट जाएगी। अब तक, कांग्रेस को वित्तीय वर्ष 1993-1994, 2016-17, 2017-18, 2018-19 और 2019-2020 के लिए आईटी डिमांड नोटिस प्राप्त हुए हैं. सबसे भारी मांग 2018-19 के लिए 918 करोड़ रुपये की है।
आईटी विभाग का कहना है कि कांग्रेस आयकर अधिनियम की धारा 13 (ए) के तहत अपनी आय पर आयकर का भुगतान करने से छूट का दावा नहीं कर सकती क्योंकि प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है। आईटी विभाग ने आकलन वर्ष 2018-19 के लिए आईटी रिटर्न में उल्लंघन के लिए कांग्रेस के बैंक खातों से 135 करोड़ रुपये पहले ही निकाल लिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि कार्रवाई करने के लिए उनके पास प्रयाप्त सबूत हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने भी माना है कि खातों में कई बेहिसाब लेनदेन थे. बता दें कि इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट ने कांग्रेस के खातों से 135 करोड़ की रिकवरी की थी। कांग्रेस ने साल की आयकर भरने की आखिरी डेट पर कागज जमा किए थे और साथ ही, उन नियमों का भी पालन नहीं किया था, जिसके तहत टैक्स भरने की छूट मिलती है। कोर्ट ने अपने पिछले आदेश में कहा था कि कांग्रेस ने यह याचिका उस समय दायर की है जब टैक्स असेसमेंट की आखिरी तारीख नजदीक आ गई है।