चीन के हैकर्स भारत की रक्षा तैयारियों की जानकारी हासिल करने के लिए देश के रक्षा क्षेत्र पर साइबर हमला करने की कोशिश कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार के साथ ऐसे 40 कंप्यूटरों की जानकारी साझा की है, जिन्हें हैक करने की कोशिश की गई थी। साथ ही 100 से अधिक वेब एप्लिकेशन का पता लगाया गया, जिनके जरिए हैकिंग की कोशिश की जा रही है। इस साल 1 सितंबर से 30 सितंबर के बीच हुए साइबर हमलों की जानकारी केंद्र और राज्य सरकारों के साथ साझा की गई।
सुरक्षा एजेंसियों ने जारी किया अलर्ट
सूत्रों के मुताबिक, जिन 40 कंप्यूटरों में हैकर्स ने सेंध लगाने की कोशिश की, उनमें से 11 जम्मू-कश्मीर के, सात कर्नाटक के और छह उत्तर प्रदेश के हैं। उन्होंने बताया कि चीन यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि भारत मिसाइल रोधी रक्षा प्रणाली के साथ अपने लड़ाकू जेट और अन्य हथियार कहां तैनात कर रहा है। इसके अलावा सूत्रों ने बताया कि चीन की तरह पाकिस्तान भी साइबर हैकर्स के जरिए भारत की जासूसी कर रहा है। चीन के साइबर हैकर्स रक्षा क्षेत्र के साथ-साथ देश के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे बिजली, बैंक, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और पुलिस विभाग के कंप्यूटरों को हैक करने की कोशिश कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 'सबसे ज्यादा कोशिश हैकिंग के जरिए रक्षा से जुड़ी जानकारी हासिल करने की हुई है। इस संबंध में सुरक्षा एजेंसियों ने एक मैकेनिज्म तैयार करने के लिए अलर्ट जारी किया है।
अमेरिकी कंपनी ने भी किया हैकिंग का दावा
इससे पहले सितंबर में, अमेरिका की एक निजी साइबर सुरक्षा कंपनी ने दावा किया था कि उसे इस बात के सबूत मिले हैं कि संभवतः एक राज्य प्रायोजित चीनी समूह द्वारा एक भारतीय मीडिया समूह के साथ-साथ पुलिस विभाग और राष्ट्रीय पहचान डेटा के लिए जिम्मेदार एजेंसी को हैक किया गया था। मैसाचुसेट्स स्थित रिकॉर्डेड फ्यूचर के कीट समूह ने कहा कि हैकिंग समूह, जिसे अस्थायी रूप से TAG-28 नाम दिया गया है, उसने विन्नटी मालवेयर का इस्तेमाल किया।
चीनी अधिकारियों ने लगातार राज्य प्रायोजित हैकिंग के किसी भी रूप से इनकार किया है और कहा है कि चीन स्वयं साइबर हमलावरों का एक प्रमुख लक्ष्य है। कीट समूह ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगस्त 2021 की शुरुआत तक, रिकॉर्ड किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि 2020 की तुलना में 2021 में भारतीय संगठनों और कंपनियों को लक्षित करने वाली संदिग्ध राज्य प्रायोजित चीनी साइबर गतिविधियों की संख्या में 261 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।