Indian Air Force Day: सरहद पर सजग...आपदाओं में झोंकी जान...युद्धों में शौर्य से बढ़ाया देश का मान

भारत इस साल अपना 90वां वायुसेना दिवस मनाने जा रहा है। भारतीय वायुसेना (IAF) का जश्न इस बार चंडीगढ़ में मनाया जाएगा। 8 अक्टूबर 1932 को इंडियन एयरफोर्स की स्थापना हुई थी, तभी से इस दिन को एयरफोर्स डे मनाया जाता है।
Indian Air Force Day: सरहद पर सजग...आपदाओं में झोंकी जान...युद्धों में शौर्य से बढ़ाया देश का मान
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देश में 8 अक्टूबर, 2022 को इंडियन एयरफोर्स डे मनाया जाएगा। भारत इस साल अपना 90वां वायुसेना दिवस मनाने जा रहा है। भारतीय वायुसेना (IAF) का जश्न इस बार चंडीगढ़ में मनाया जाएगा। 8 अक्टूबर 1932 को इंडियन एयरफोर्स की स्थापना हुई थी, तभी से इस दिन को एयरफोर्स डे मनाया जाता है। भारतीय को पहले रॉयल इंडियन एयरफोर्स के नाम से जाना जाता था। यह नाम आजादी तक ही रहा था। आजादी के बाद से इसे रॉयल शब्द हटा लिया गया था। भारतीय वायुसेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है। गाजियाबाद में स्थित हिंडन वायुसेना स्टेशन एशिया का सबसे बड़ा एयरबेस है।

भारतीय वायु सेना की ताकत

भारत की आजादी के बाद से अब तक भारतीय वायुसेना कुल 5 युद्ध लड़ चुकी है। इसमें से चार जंग भारत पाकिस्तान के बीच हुईं और एक चीन के खिलाफ लड़ी गई। पाकिस्तान के खिलाफ 1948, 1965, 1971 और 1999 में भारतीय वायुसेना जंग में शामिल हुई। चीन के साथ 1962 के युद्ध में भी भारतीय वायुसेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस और बालाकोट एयर स्ट्राइक भारतीय वायुसेना के कुछ प्रमुख ऑपरेशनों में शामिल हैं।

वायुसेना की ताकत है ये विमान, हेलिकॉप्टर

भारतीय वायु सेना के बेड़े में सुखोई-30 एमकेआई, मिराज 2000, मिग-29, मिग 27, मिग-21 और जगुआर फाइटर जेट शामिल है। इसके अलावा हेलिकॉप्टर श्रेणी में वायु सेना के पास एमआई-25/35, एमआई-26, एमआई-17, चेतक और चीता हेलिकॉप्टर हैं, जबकि ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट में सी-130 जे, सी-17 ग्लोबमास्टर, आईएल-76, एए-32 और बोइंग 737 जैसे प्लेन शामिल हैं।

भारतीय वायुसेना के बड़े ऑपरेशन

ऑपरेशन सफेद सागर (1999)

ऑपरेशन सफेद सागर 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना के साथ संयुक्त रूप से कार्य करने में भारतीय वायु सेना की भूमिका को सौंपा गया कोड नाम था, जिसका उद्देश्य नियमित और अनियमितता को दूर करना था। पाकिस्तानी सेना के जवानों ने नियंत्रण रेखा के साथ कारगिल सेक्टर में भारतीय चौकियों को खाली कराया गया। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद से यह जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में वायु शक्ति का पहला बड़े पैमाने पर उपयोग था।

ऑपरेशन राहत (2013)

ऑपरेशन राहत उत्तर भारत बाढ़ (2013) से प्रभावित नागरिकों को निकालने के लिए भारतीय वायुसेना के बचाव अभियान का सांकेतिक नाम दिया गया। भारी बारिश ने 16 जून को उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश राज्य में काफी विकाराल रूप धारण कर लिया जिसकी वजह से तीर्थयात्रियों सहित हजारों लोग विभिन्न घाटियों में फंस गए। राहत कार्य के लिए भारतीय वायुसेना की सहायता मांगी गई। पश्चिमी वायु कमान (डब्ल्यूएसी) मुख्यालय ने विभिन्न राज्यों द्वारा बाढ़ से राहत संबंधी सहायता के अनुरोध पर त्वरित प्रतिक्रिया की है। इसके साथ ही वायुसेना ने यमुनानगर, केदारनाथ-बद्रीनाथ क्षेत्र, रूद्रप्रयाग घाटी, किन्नौरजिले के करचम-पुह क्षेत्र में बचाव कार्य शुरू कर दिया।

मेघना हेली ब्रिज (1971)

मेघना हेली ब्रिज, कोडनाम आपरेशन कैक्टस लिली, 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय वायु सेना का एक हवाई अभियान था, जिसमें बांग्लादेश मुक्ति युद्ध में भारत की भागीदारी शुरू हुई थी। यह 9 दिसंबर को हुआ था, जब भारतीय वायु सेना (IAF) ने भारतीय सेना के IV कोर और मुक्ति वाहिनी सेनानियों को ब्राह्मणबरिया से रायपुरा में मेघना नदी के ऊपर, मेघना ब्रिज और पाकिस्तानी सुरक्षा बलों को आशुगंज में नष्ट कर दिया था।

भारत पाक युद्ध (1947)

भारत और पाकिस्तान के बीच प्रथम युद्ध सन् 1947 में हुआ था। यह कश्मीर को लेकर हुआ था जो 1947-48 के दौरान चला। जम्मू और कश्मीर के महाराज हरि सिंह, पुंछ में अपने मुस्लिम सैनिकों द्वारा विद्रोह का सामना कर रहे थे, और अपने राज्य के पश्चिमी जिलों पर नियंत्रण खो दिया था। 22 अक्टूबर 1947 को, पाकिस्तान की क़बायली लड़ाकों ने राज्य की सीमा पार कर ली। युद्ध शुरू में जम्मू-कश्मीर राज्य बलों और उत्तर-पश्चिम सीमा प्रांत से सटे फ्रंटियर ट्राइबल एरिया के मिलिशिया द्वारा लड़ा गया था। इस युद्ध से भारत ने कश्मीर का लगभग दो-तिहाई नियंत्रण प्राप्त कर लिया। 26 अक्टूबर 1947 को राज्य के भारत में विलय के बाद, भारतीय सैनिकों को राज्य की राजधानी श्रीनगर में भेज दिया गया।

ऑपरेशन मेघदूत (1984)

ऑपरेशन मेघदूत कश्मीर में सियाचिन ग्लेशियर के नियंत्रण को जब्त करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों के ऑपरेशन का कोडनेम था, जो सियाचिन संघर्ष की शुरुआत थी। 13 अप्रैल 1984 की सुबह दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध के मैदान में अंजाम दिया गया, मेघदूत अपनी तरह का पहला सैन्य हमला था। ऑपरेशन ने पाकिस्तान के आसन्न ऑपरेशन अबाबील (जिसका उद्देश्य मेघदूत के समान उद्देश्य को प्राप्त करना था) को रोक दिया और एक सफलता थी, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय सेना ने सियाचिन ग्लेशियर पर पूरी तरह से नियंत्रण हासिल कर लिया।

जानें कुछ रोचक फैक्ट्स और इतिहास

  • इंडियन एयरफोर्स दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है। यूपी के गाजियाबाद में स्थित हिंडन वायुसेना स्टेशन एशिया में सबसे बड़ा है।

  • इंडियन एयरफोर्स IAF यानी कि इंडियन एयरफोर्स ने विभिन्न ऑपरेशनों में अहम भूमिका निभाई है। इनमें ऑपरेशन Poomalai, विजय, मेघदूत सहित अन्य शामिल हैं।

  • भारतीय वायुसेना, IAF यूनाइटेड Nations के साथ शांति मिशन में भी काम करता है।

  • भारतीय वायुसेना को पहले रॉयल इंडियन एयरफोर्स के नाम से जाना जाता था। हालांकि यह नाम आजादी तक ही रहा था। आजादी के बाद से इसे रॉयल शब्द हटा लिया गया था।

  • IAF में बड़ी संख्या में महिला फाइटर पायलट, महिला नेविगेटर और महिला अधिकारी शामिल हैं, जो भारतीय वायु सेना को अपनी सेवाएं प्रदान करती हैं। यहां तक ​​कि भारतीय वायुसेना के राफेल fleet में भी एक महिला फाइटर पायलट है।

  • भारतीय वायुसेना ने हमेशा देश में आई प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत कार्यों में भाग लिया है। इनमें गुजरात चक्रवात (1998), सुनामी (2004) और उत्तर भारत में बाढ़ शामिल हैं। हालांकि, IAF ने उत्तराखंड में आई बाढ़ के दौरान फंसे नागरिकों को बचाते हुए एक विश्व रिकॉर्ड बनाया। इस दौरान भारतीय वायुसेना ने करीब 20,000 लोगों को बचाया।

  • भारतीय वायुसेना अब तक कई युद्ध में शामिल हो चुकी है। इनमें पाकिस्तान के खिलाफ चार बार, 948, 1965, 1971 और 1999 में लड़ी है। इसके अलावा, 1962 में चीन के सामने अपना दमखम दिखा चुकी है।

गीता के इस सूक्त से प्रेरणा लेती है भारतीय वायुसेना

देश में सभी सेनाओं का अपना एक आदर्श वाक्य है। भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है- 'नभ: स्पृशं दीप्तम'। भारतीय वायु सेना का आदर्श वाक्य गीता के ग्यारहवें अध्याय से लिया गया है और यह महाभारत के महायुद्ध के दौरान कुरूक्षेत्र की युद्धभूमि में भगवान श्री क्रष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश का एक अंश है। इसी आदर्श वाक्य के साथ भारतीय वायु सेना अपने कामों को अंजाम देती है। 'नभ: स्पृशं दीप्तम' श्लोक भारतीय वायु सेना का आधिकारिक आदर्श वाक्य है जिसे 21 अप्रैल, 1959 को भारत के राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा अनुमोदित किया गया था।

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