Indian Rupee: अब श्रीलंका में भी चलेगा भारत का रुपया! भारतीय मुद्रा की बढ़ रही अंतरराष्ट्रीय कीमत

Indian Rupee in International Transactions: अपना विदेशी मुद्रा भंडार सुधारने और आर्थिक संकट से उबरने के लिए श्रीलंका अपने यहां खरीद फरोख्त में भारतीय रुपया उपयोग में लाने की संभावनाएं तलाश रहा है।
Indian Rupee: अब श्रीलंका में भी चलेगा भारत का रुपया! भारतीय मुद्रा की बढ़ रही अंतरराष्ट्रीय कीमत

Indian Rupee in International Transactions: अभी दो दिन पूर्व श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे भारत के दो दिन के दौरे से लौटे हैं। यहां उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आर अन्य नेताओं से भेंट की। इस दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति ने हर मौके पर बढ़ाए भारत द्वारा दी गई मदद के लिए कृतज्ञता प्रकट की।

उनके स्वदेश लौटने के फौरन बाद, श्रीलंका से एक सुखद समाचार आया है। समाचार यह है कि उस पड़ोसी देश में भी स्थानीय खरीदारी आदि में भारतीय मुद्रा यानी रुपये को स्वीकारा जाना जल्दी ही संभव होने वाला है।

यह घोषणा स्वयं श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने की है। उन्होंने कहा है कि लेन—देन में भारतीय मुद्रा को स्वीकार करना श्रीलंका के लिए ही अधिक लाभ की बात होगी। इसकी वजह यह है कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच व्यापारिक असंतुलन है, जिसमें भारत का पलड़ा ऊपर है।

भारतीय मुद्रा में लेन-देन श्रीलंका को फायदा

एक अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी ने बताया है कि श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार घटता जा रहा है। इसके अलावा पिछले साल वहां जबरदस्त आर्थिक संकट पैदा हुआ था जिसमें गृहयुद्ध के से हालात बन गए ​थे।

इस सूरत में, अपना विदेशी मुद्रा भंडार सुधारने और आर्थिक संकट से उबरने के लिए श्रीलंका अपने यहां खरीद फरोख्त में भारतीय रुपया उपयोग में लाने की संभावनाएं तलाश रहा है। शायद जल्दी ही हमें इस संबंध में कोई सकारात्मक पहल दिखाई देगी।

श्रीलंका के विदेश मंत्री के अनुसार भारतीय मुद्रा में लेन-देन करना उनके देश के लिए मुनाफे का सौदा इसलिए रहेगा, क्योंकि दोनों देशों के बीच व्यापार में असंतुलन तो है ही, बल्कि उस देश को और ज्यादा भारतीय मुद्रा की जरूरत है।

भारत चाहता है पड़ौसी देशों का हित

भारत में आकर श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे गत दिनों कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण समझौते कर गए हैं। भारत और श्रीलंका ने विकास, ऊर्जा और व्यापार से जुड़े कई करार किए हैं। इनसे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों में एक उछाल आ सकता है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चाहते हैं कि पड़ोसी देश श्रीलंका हर तरह से सक्षम बने और चीन जैसे विस्तारवादी देश के चंगुल में न आए।

पिछले साल के व्यापारिक आंकड़े बताते हैं कि भारत ने श्रीलंका को 4 अरब डॉलर की मानवीय सहायता दी थी। तब श्रीलंका को भारत से खाद्य सामग्री, दवाएं तथा तेल आदि भेजा गया था।

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