उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ISIS से जुड़े संदिग्ध आतंकी सबाउद्दीन आजमी को मंगलवार शाम ATS की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। एटीएस ने उसके पास से भारी मात्रा में 315 बोर के कारतूस समेत शेल्डिंग व पीवीसी वायरिंग समेत अन्य सामग्री बरामद की है। इन सामग्रियों का इस्तेमाल बम बनाने में किया जाता है। वहीं राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने प्रतिबंधित आतंकी जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के दो संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार किए हैं। इन आतंकियों की गिरफ्तारी से 15 अगस्त को होने वाले बड़ा विस्फोट टल गया है हालांकि खतरा अभी भी बना हुआ है।
एटीएस की टीम ने आठ से दस लोगों को मुबारकपुर थाना क्षेत्र से उठाया था। अमिलो से तीन लोगों को उठाया गया था। इनमें सबाउद्दीन के अलावा अबु होमैद व अयान भी शामिल हैं। अबु होमैद व अयान सोमवार की देर रात लगभग डेढ़ बजे घर लौट आए। इसके बाद से दोनों घरों में ही हैं और इनके परिवार के लोग कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
सबाउद्दीन से पूछताछ और उसके मोबाइल का डाटा खंगालने पर पुलिस कई चौंकाने वाले तथ्य हाथ लगे हैं। सबाउद्दीन आजमगढ़ के मेहमूदापुरा अमिलो मुबारकपुर का रहने वाला है। वह ISIS के अलावा ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का भी सक्रिय सदस्य है। मोहल्ले के लोगों व परिजनों के अनुसार, वह आगामी चुनाव में नगर पालिका वार्ड नौ से ओवैसी की पार्टी से सभासदी का चुनाव लड़ने की भी तैयारी कर रहा था। सबाउद्दीन मूल रूप से बुनकरी का काम करता है।
सबाउद्दीन आईएस में भर्ती कराने वाले सदस्यों से सीधे संपर्क में था। वह अपने साथियों के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से स्थानीय युवकों में जिहादी विचारधारा का प्रचार-प्रसार कर रहा था। साथ ही युवकों को आईएसआईएस से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहा था।
सबाउद्दीन आतंक और जेहाद के लिए मुस्लिम युवकों का ब्रेनवाश करने के लिए आईएसआईएस द्वारा तैयार किए गए टेलीग्राम चैनल ‘अल-स्क्वायर मीडिया’ से जुड़ा हुआ है। एटीएस ने उसके पास से भारी मात्रा में 315 बोर के कारतूस समेत शेल्डिंग व पीवीसी वायरिंग समेत अन्य सामग्री भी बरामद की है। इन सामग्रियों का इस्तेमाल बम बनाने में किया जाता है।
पुलिस को सबाउद्दीन ने बताया कि मूसा ने भी उसे आतंकी संगठन आईएसआईएस के सदस्य अबू बकर अल-शामी का नंबर दिया, जो सीरिया में रहकर इस संगठन का काम कर रहा है। बकर उससे लगातार कश्मीर में मुजाहिदों पर हो जुल्म के बारे में बात करता था।
अबू बकर ने सबाउद्दीन को आईएसआईएस की तरह भारत में भी एक इस्लामिक संगठन बनाने व आईईडी बनाने का विधि और जरूरी सामग्री के बारे में भी जानकारी देता था। साथ ही बकर ने उसे मुर्तानिया के रहने वाले आईएसआईएस में भर्ती कराने वाले अबू उमर से भी मिलवाया।