ISKCON Controversy: दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर संगठन कहे जाने वाला ISKCON इस वक्त सुर्खियों में है। इसकी वजह भाजपा सांसद मेनका गांधी का एक बयान है। दरअसल, मेनका गांधी ने ISKCON यानी international society for krishna consciousness पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने ISKCON को देश का 'सबसे बड़ा धोखेबाज' संगठन बताते हुए कहा कि इस्कॉन अपनी गोशालाओं की गायों को कसाइयों को बेच देते हैं। हालांकि, ISKCON ने आरोपों को निराधार और झूठा करार दिया है।
आइये जानते हैं कि मेनका गांधी के आरोपों पर ISKCON ने क्या जवाब दिया? आखिर क्या है ISKCON का इतिहास? कहां-कहां फैला है ISKCON मंदिर संगठन? यह काम क्या करता है? समझते हैं...
पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका का ISKCON को लेकर एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल है। वीडियो में मेनका को कहते हुए सुना जा सकता है, 'भारत में इस समय सबसे बड़ा धोखेबाज ISKCON है।"
उन्होंने कहा कि हाल ही में मैने ISKCON की अनंतपुर गौशाला का दौरा किया था। वहां एक भी सूखी गाय नहीं थी। सभी डेयरी वाली गाय मिली वहां एक भी बछड़ा नहीं है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि उन सभी को बेच दिया गया।
वहीं, इस्कॉन ने आरोपों को निराधार और झूठा बताते हुए कहा भारत में इस्कॉन की 60 से ज्यादा गौशालाएं हैं। ISKCON गाय और बैल की रक्षा और देखभाल में सबसे आगे रहा है।
1965 में न्यूयॉर्क में ISKCON की स्थापना हुई। इसकी शुरुआत भारत में भक्तिवेदांत स्वामी श्रीला प्रभुपाद ने की थी।
संस्था के अनुसार, 1966 से 1968 के बीच काफी संख्या में अनुयायी मिशन में शामिल हुए। इसके चलते श्रीला प्रभुपाद ने लॉस एंजिल्स, सैन फ्रांसिस्को, सिएटल, सांता फे, मॉन्ट्रियल और न्यू मैक्सिको जैसे शहरों में मंदिरों की स्थापना की।
1969 और 1973 के बीच कनाडा, यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, मैक्सिको और भारत में कई मंदिरों का उद्घाटन किया गया। ज्यादा जानकारी के लिये देखें वीडियो.....