Jharkhand : अंकिता के लिए आक्रोश, महादलितों पर अत्याचार; सब नजरअंदाज कर रायपुर पहुंची 'सरकार'

झारखंड में एक सप्ताह में ही दो बड़ी घटनाओं ने पूरे जनमानस को झकझोर दिया, लेकिन सोरेन सरकार है कि खामौशी की चादर ओढ़े हुए है। दुमका में सिरफिरे शाहरुख ने अंकिता को जिंदा जला दिया, लेकिन सरकार को कोई नुमाइंदा सुध लेने तक नहीं पहुंचा। उधर, पलामू जिले महादलितों के दर्जनों घर उजाड़ दिए गए, पर सरकार मूक दर्शक बनी हुई है।
Jharkhand : अंकिता के लिए आक्रोश, महादलितों पर अत्याचार; सब नजरअंदाज कर रायपुर पहुंची 'सरकार'

झारखंड के दुमका में 17 वर्षीय छात्रा अंकिता को सिरफिरे आशिक शाहरुख ने पेट्रोल छिड़कर कर जिंदा जला दिया। बाद में छात्रा ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। यहां बड़ी बात रह रही कि सत्ताधारी सोरेन सरकार का कोई MLA या मंत्री अंकिता की सुध लेने तक नहीं गया, जबकि CM हेमंत सोरेन स्वयं दुमका से विधायक हैं। ऐसे में सोरेन सरकार के प्रति लोगों में जबर्दस्त गुस्सा है, वहीं इससे लेकर भाजपा झारखंड सरकार पर हमलावर हो गई है। इसी बीच सोमवार, 29 अगस्त को झारखंड में एक और घटना ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। पलामू में 50 महादलित परिवारों को उजाड़ दिए जाने को लेकर भाजपा हेमंत सरकार पर हमलावर है। पलामू में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मदरसे की जमीन बताकर महादलित मुसहर समुदाय के करीब 50 घर उजाड़ दिए। बारिश के मौसम में लोग खुले में रहने को विवश हैं, लेकिन सरकार इस मामले में भी अभी तक खामौश है, ऐसे में सरकार पर तुष्टिकरण के आरोप लग रहे हैं।

इसी बीच झारखंड में सियासी संकट के चलते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई में यूपीए गठबंधन के सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर शिफ्ट किया गया है। झारखंड के सत्ताधारी विधायक ऐसे समय पर राज्य से बाहर ले जाए गए हैं जब एक कानून व्यवस्था को लेकर सोरेन सरकार पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। एक तरफ दुमका में अंकिता को जिंदा जला दिए जाने को लेकर आक्रोश है तो दूसरी तरफ पलामू में 50 महादलित परिवारों को उजाड़ दिए जाने को लेकर भाजपा हेमंत सरकार पर हमलावर है।

घटना-1 : छात्रा अंकिता को जलाया, सरकार ने नहीं ली सुध

झारखंड के दुमका जिले में 17 वर्षीय एक छात्रा अंकिता को सिरफिरे आशिक शाहरुख ने महज इसलिए जिंदा जला दिया था, क्योंकि उसने शाहरुख से दोस्ती करने से साफ इनकार कर दिया था। जिसके बाद 23 अगस्त को एकतरफा प्यार में पागल प्रेमी शाहरुख हुसैन ने खिड़की से अंकिता पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। इलाज के दौरान अंकिता ने दम तोड़ दिया। इस घटना को लेकर सत्ताधारी पार्टी के रवैये को लेकर लोगों में गुस्सा फूटा और प्रदेश में जगह-जगह आंदोलन हुए। लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री स्वयं दुमका क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, एक भी विधायक या सत्ताधारी दल के मंत्री ने अंकिता की सुध नहीं ली, इसे लेकर सरकार कटघरे में है।

घटना-2 : महादलितों के घर उजाड़े, सरकार खामौश!

झारखंड में महादलितों पर जुल्म ढाने का एक बड़ा मामला सामने आया है। पलामू जिले के पांडू प्रखंड के मुरुमातु गांव के समीप टोंगरी के पास कई दशकों से बसे मुसहर समुदाय के 50 लोगों को सोमवार को उजाड़ दिया गया। आरोप है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मदरसे की जमीन बताते हुए उनके घरों को तोड़ दिया और गांव से बाहर निकाल दिया। अब भाजपा ने इसको लेकर हेमंत सोरेन सरकार पर हमला किया है। पूर्व सीएम रघुबर दास ने कहा कि हिम्मतवाली सरकार में जिहादियों की हिम्मत बढ़ गई है। महादलित परिवारों को घरों को मदरसे की जमीन बताकर तोड़कर बेघर कर दिया और यह गूंगी-बहरी सरकार मौज मस्ती में लगी रही।

बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी का आरोप, रांची दंगे में घायल नदीम अंसारी को हवाई जहाज से ले गए गुरुग्राम, अंकिता को क्यों नहीं?

झारखंड के दुमका में अंकिता राज हत्याकांड मामले में बीजेपी ने एक बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आड़े हाथ लिया है। बीजेपी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया है। दरअसल, अब बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया है कि सोरेन आदिवासी कार्ड खेलते हैं। साथ ही उन्होंने सवाल किया कि 'ऐसे मामलों पर सरकार गंभीर क्यों नहीं है?'

बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा, सीएम हेमंत सोरेन और उनका परिवार न सिर्फ आदिवासी, महिला विरोधी हैं बल्कि संतालों के भी दुश्मन हैं। संताल विरोधी मानसिकता रखने वाले लुटेरे और बेईमान अफसरों को इन्होने खुला संरक्षण दिया है। इसके कई प्रमाण हमें दुमका में मिले हैं। यही नहीं, बाबूलाल मरांडी ने सोरेन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि रूपा तिर्की के साथ क्या हुआ? तेज तर्रार दारोगा थीं, कोई भी देख कर कह सकता था कि आत्महत्या नहीं हो सकती। उनके परिवार ने भी हेमंत सोरेन का नाम लिखकर दिया था लेकिन, उनके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई। इस मामले में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा था कि हेमंत सरकार लड़की को बेहतर चिकित्सीय इलाज दिला पाने में नाकाम रही थी।

दोषियों को चौक पर मार दी जाए गोली : सरयू राय

निर्दलीय विधायक सरयू राय ने अंकिता हत्याकांड पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे दोषियों को चौराहे पर गोली मार देनी चाहिए। इस मामले में भाजपा ने हेमंत सोरेन सरकार और पुलिस-प्रशासन को पहले कटघरे में खड़ा किया था। झारखंड भाजपा के नेताओं ने आरोप लगाया था कि पुलिस-प्रशासन ने इस मामले में लापरवाही की थी। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई और दोषी को सख्त सजा देने की मांग की है।

अंकिता हत्याकांड पर कोर्ट सख्त, गृह सचिव और डीजीपी तलब

झारखंड के दुमका में अंकिता सिंह की मौत के मामले में एसआईटी अपनी जांच कर रही है। इस बीच हाईकोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया है। अदालत ने राज्य के गृह सचिव और डीजीपी को तलब किया है। जानकारी के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले से जुड़ी फाइलों के साथ डीजीपी और मुख्य सचिव को भी तलब किया है। इसके साथ ही अदालत ने पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है।

यूपीए गठबंधन के सभी विधायकों रायपुर शिफ्ट

झारखंड में सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई में यूपीए गठबंधन के सभी विधायकों छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर शिफ्ट किया जा रहा है। हालांकि, इस दौरान सीएम सोरेन विधायकों के साथ रायपुर नहीं गए। रांची एयरपोर्ट पर यूपीए विधायक को छोड़ने पहुंचे झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने मीडिया से रूबरू होकर कहा कि कोई अप्रत्याशित घटना नहीं घटने वाली है।

सीएम सोरेन ने कहा कि यह कोई आश्चर्यचकित करने वाली बात या नई परिपाटी नहीं है। ना ही कोई अनहोनी होने जा रही है। हर परिस्थिति का सामना करने के लिए सत्तापक्ष तैयार है। मालूम हो कि बीत कई दिनों से झारखंड में चल रहे सियासी उठकपटक बीच यूपीए के विधायक रायपुर पहुंचे हैं। रायपुर में झारखंड की महागठबंधन सरकार के विधायकों को मेफेयर रिसोर्ट में ठहराया गया है। इस दौरान विधायकों के रिसोर्ट की सुरक्षा भी बढ़ाई गई है। बताया जा रहा है कि दो बस में कुल 35 लोग एयरपोर्ट पहुंचे। बस में कुल 35 से 32 विधायक थे।

विधायकों को इसलिए ले जाया गया रायपुर

हेमंत सोरेन के खिलाफ पत्थर खनन लीज आवंटन मामले में चुनाव आयोग सुनवाई पूरी करके अपनी सिफारिश राज्यपाल को भेज चुका है। माना जा रहा है कि ऑफिस ऑफ फ्रॉफिट केस में हेमंत सोरेन की सदस्यता जा सकती है और इस वजह से उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है। इस बीच महागठबंधन को टूट का डर भी सता रहा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा भाजपा पर विधायकों को तोड़ने के प्रयास का आरोप लगा रही है। ऐसे में कुनबा सुरक्षित करने के लिए विधायकों को कांग्रेस शासित प्रदेश में शिफ्ट किया गया है।

भाजपा सांसद की चुनौती- 45 विधायकों की कराएं परेड

भाजपा के सांसद ने दावा किया है कि बस में 38 विधायक ही हैं। उन्होंने हेमंत सोरेन को चुनौती दी है कि वह मीडिया के सामने 45 विधायकों की परेड करके दिखाएं। दुबे ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि मैंने 26 तारीख को ही ट्वीट किया था कि इन लोगों को रायपुर जाना है। मुख्यमंत्री ने कोई काम नहीं किया, विधायकों से नहीं मिले। आज यदि उनकी सदस्यता चली जाती है तो उनके पास कोई विकल्प नहीं है। परिवार से बाहर के किसी व्यक्ति को सीएम बनाना नहीं चाहते। पत्नी को बनाएंगे तो घर में विद्रोह हो जाएगा।

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