
Khalistan Movement: खालिस्तान समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' का चीफ अमृतपाल सिंह अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। उसकी धरपकड़ के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। वहीं अमृतपाल के खिलाफ पुलिस एक्शन के विरोध में लंदन और अमेरिका में आवाज उठ रही है। विदेश में बैठे खालिस्तान समर्थक एक्टिव हो गए हैं।
अमृतपाल कट्टर खालिस्तान (Khalistan) समर्थक है। इसके इरादे जरनैल सिंह भिंडरावाले की तरह ही हैं, इसलिए इसे भिंडरावाले 2.0 कहा जा रहा है। अमृतपाल के खिलाफ चल रही पुलिस की कार्रवाई का विरोध भारत की सरहद को पार कर गया है। रविवार शाम को लंदन में भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तानियों ने जमकर प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं उन्होंने दूतावास पर लगे तिरंगे का भी अपमान किया।
आइए Since Independence पर जानते हैं कि भारत के बाहर खालिस्तानियों का कितना बड़ा साम्राज्य है और उन्हें कहां-कहां से फंडिंग होती है।
खुफिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अमृतपाल के तार पाकिस्तान में छुपे आतंकी बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीएआई) के प्रमुख परमजीत सिंह पम्मा से जुड़े हैं। यह संगठन कनाडा, जर्मनी और इंग्लैंड में एक्टिव है। अमृतपाल के लिंक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े होने की बात कही जा रही है।
यह भी चर्चा है कि अमृतपाल को आईएसआई के इशारे पर बीकेआई का हैंडलर बनाकर पंजाब भेजा गया है। कहा जाता है कि अमृतपाल के समर्थकों की संख्या विदेश में भी ज्यादा है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि विदेश में खालिस्तानियों का विरोध तेज हो सकता है। अमृतपाल के घटनाक्रम से एक बार फिर 'खालिस्तान' (खालसाओं का देश) चर्चा में आ गया है।
हाल में समाने आई घटनाओं से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये खालिस्तानी भारत और पाकिस्तान ही नहीं दुनिया के कई देशों जैसे ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, स्पेन और इटली भी सक्रिय हैं।
इसी महीने खालिस्तान परिषद के अध्यक्ष डॉ। बख्शीश सिंह संधू ने रेफरेंडम-2020 को लेकर दावा किया था कि पश्चिम में कई शहरों में हजारों की संख्या में सिखों ने वोट डाले। अक्टूबर 2021 में यूके के सात शहरों से शुरू हुआ जनमत संग्रह स्विट्जरलैंड, इटली और कनाडा में भी हो चुका है। अभी यह ऑस्ट्रेलिया में हो रहा है। उसके इस बयान से साफ है कि इन देशों में भी खालिस्तानी समर्थक रह रहे हैं।
पिछले माह ही खुफिया रिपोर्ट में इस बात के संकेत दिए गए थे कि पाकिस्तान और आईएसआई पंजाब और देश के अन्य हिस्सों में दहशत फैलाने के लिए पंजाब के गैंगस्टर और खालिस्तानियों को फंडिंग कर रहे हैं और उन्हें हथियार सप्लाई कर रहे हैं। पंजाब के सीएम भगवंत मान ने भी दावा किया था कि खालिस्तानियों को पाकिस्तान समेत कई देशों से फंडिंग हो रही है।
वहीं तीन साल पहले एनआईए ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि खालिस्तानी संगठन जैसे एसएफजे, खालिस्तान जिन्दाबाद फोर्स, बब्बर खालसा, खालिस्तान टाइगर फोर्स भारत में मौजूद कुछ एनजीओ को फंडिंग कर आतंक फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। ज्यादातर फंडिंग ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और जर्मनी से की गई थी, इसलिए इन देशों से होने वाली फंडिंग को ट्रेस किया जा रहा है।