प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर पहुंचे। गोरखपुर में पीएम ने करीब 9,600 करोड़ रूपए से अधिक विकास परियोजनाओं को देश को समर्पित किया। जब पीएम मोदी मंच पर पहुंचे तो सीएम योगी ने उनका स्वागत किया और इस दौरान पीएम ने हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन भी किया।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उर्वरक संयंत्र की तीन प्रमुख विकास परियोजनाओं, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के क्षेत्रीय केंद्र के नए भवन का उद्घाटन किया। उन्होंने बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में 36 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र का भी उद्घाटन किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने केंद्र और राज्य की सरकार को विकास का पर्याय बताते हुए कहा कि जब डबल इंजन की सरकार होती है तो काम दोगुना तेजी से होता है।
”मोदी है तो मुमकिन है” : CM योगी
इस मौके पर फर्टिलाइजर मैदान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीएम मोदी को अपने बीच पाकर पूर्वांचल देव आनंद का उत्सव मना रहा है। जिस काम को पूर्व की सरकारों ने नामुमकिन बनाया था, आज उसे पीएम ने अपने नाम के अनुरूप ”मोदी है तो मुमकिन है”, के आधार पर संभव कर दिखाया है।
PM मोदी ने यूपी की जनता को दी बधाई
वहीं पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, '5 साल पहले मैं यहां एम्स और खाद कारखाने का शिलान्यास करने आया था। आज इन दोनों का एक साथ लोकार्पण करने का सौभाग्य भी आपने मुझे ही दिया है। ICMR के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर को भी आज अपनी नई बिल्डिंग मिली है। मैं यूपी के लोगों को बधाई देता हूं।'
नीयत साफ़ हो तो आपदाएं बाधा नहीं बनती - मोदी
पीएम मोदी ने कहा, जब डबल इंजन की सरकार होती है तो काम भी डबल तेज़ी से होता है। जब अच्छी नीयत से काम किया जाए तो आपदाएं भी बाधक नहीं बनतीं। जब कोई सरकार गरीबों, शोषितों और दलितों की परवाह करती है, तो वह कड़ी मेहनत करती है और परिणाम भी दिखाती है। हमने यूरिया का दुरुपयोग रोका, यूरिया की 100 फीसदी नीम कोटिंग भी की।
हमने करोड़ों किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड [ soil health card ] दिए हैं ताकि वे जान सकें कि उनके खेत के लिए उन्हें किस तरह के उर्वरक की जरूरत है। हमने यूरिया का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया। साथ ही बंद पड़े उर्वरक संयंत्रों को फिर से खोलने पर भी जोर दिया।
देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज का लक्ष्य : मोदी
पीएम मोदी ने कहा, आज मैं योगी जी सरकार की इस बात के लिए सराहना करूंगा कि उन्होंने पिछले वर्षों में गन्ना किसानों के लिए अभूतपूर्व काम किया है। गन्ना किसानों के लिए लाभकारी मूल्य हाल ही में बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया गया है।
योगी जी की सरकार ने साढ़े चार साल में उतना ही किया है, जितना भुगतान पिछली दो सरकारों ने गन्ना किसानों को 10 साल में किया था। आजादी के बाद इस सदी की शुरुआत तक देश में सिर्फ 1 एम्स था। अटल जी ने 6 और एम्स को मंजूरी दी थी। देश भर में पिछले 7 साल में 16 नए एम्स बनाने का काम चल रहा है। हमारा लक्ष्य है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज हो।
लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं यानि खतरे की घंटी : मोदी
पीएम मोदी ने गोरखपुर के उर्वरक संयंत्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, सभी जानते हैं कि गोरखपुर का उर्वरक संयंत्र इस पूरे क्षेत्र के किसानों के लिए, यहां रोजगार के लिए कितना महत्वपूर्ण है। लेकिन पहले की सरकारों ने इसे शुरू करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। सभी जानते थे कि गोरखपुर में एम्स की मांग सालों से उठाई जा रही थी। लेकिन जो 2017 से पहले सरकार चला रहे थे, उन्होंने एम्स के लिए जमीन देने में तरह-तरह के बहाने बनाए।
आज पूरा यूपी भली भांति जानता है कि लाल टोपी वालों को बस लाल बत्ती से सरोकार रहा है न कि आपके दुखों से। लाल टोपी वाले लोगों को सत्ता चाहिए तो सिर्फ, घोटालों के लिए, अपनी तिजोरी भरने के लिए, अवैध व्यवसायों के लिए और माफियाओं को खुली छूट देने के लिए। लाल टोपी वालों को सरकार बनानी है, आतंकवादियों पर दया करने के लिए, आतंकवादियों को जेल से छुड़ाने के लिए। याद रखें, लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं यानि खतरे की घंटी।
'हमारी सरकार ने गरीबों के लिए खोल दिए सरकारी गोदाम'
आज हमारी सरकार ने गरीबों के लिए सरकारी गोदाम खोल दिए हैं और योगी जी हर घर में खाना पहुंचाने में जुटे हुए है। इसका लाभ यूपी के करीब 15 करोड़ लोगों को मिल रहा है। हाल ही में पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को होली तक बढ़ा दिया गया है। पहले की सरकारों ने अपराधियों को संरक्षण देकर यूपी का नाम बदनाम किया था। आज माफिया जेल में हैं और यूपी में निवेशक खुलेआम निवेश कर रहे हैं। यह दोहरे इंजन का दोहरा विकास है। इसलिए यूपी को डबल इंजन की सरकार पर भरोसा है।
ये तो आपने जान लिया कि, पीएम मोदी ने गोरखपुर पहुंचकर करोड़ो रूपए कि परियाजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। अब बात करते है 'एम्स गोरखपुर' कि। एम्स गोरखपुर की बात करें तो यह राज्य में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का काम करेगा, जबकि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के क्षेत्रीय केंद्र ने मेनिन्जाइटिस से पीड़ित लोगों के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
गोरखपुर फर्टिलाइजर फैक्ट्री 31 साल बाद फिर से शुरू
31 साल बाद अब गोरखपुर फर्टिलाइजर फैक्ट्री फिर से शुरू हो गई है। जिससे प्रतिदिन 3,850 मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन होगा। इतनी क्षमता वाली यह अद्भुत फैक्ट्री किसानों की यूरिया की जरूरत को पूरा करेगी। साथ ही यह यूरिया की उपलब्धता के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाएगा और रोजगार के नए अवसरों के साथ समृद्धि के द्वार खोलेगा। इस फैक्ट्री फीचर को समझाने के लिए प्रोग्राम के दौरान एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई। इसमें विस्तार से इसके बारे में बताया गया।
वर्ष 2016 में रखी गई थी उर्वरक संयंत्र और एम्स की आधारशिला
जैसा की विदित है पीएम मोदी ने साल 2016 में उर्वरक संयंत्र और एम्स की आधारशिला रखी थी। पांच साल में दोनों परियोजनाओं को पूरा किया गया। इन परियोजनाओं से अब इस क्षेत्र में भी काफी बदलाव आएगा। आपको बता दें कि हमारे अन्नदाता, जिनकी मेहनत और तप देश का गौरव है, इसी को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कृषि विकास और किसान कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। इसके लिए पिछले साढ़े सात साल में बीज, बीमा, बाजार और बचत पर चौतरफा काम किया गया है। इसके साथ ही अच्छी गुणवत्ता वाले बीज और नीम लेपित यूरिया, मृदा स्वास्थ्य कार्ड और सूक्ष्म सिंचाई और उर्वरक सब्सिडी में वृद्धि जैसे सभी कदम किसानों की समृद्धि के लिए समर्पित हैं।
देश में 10 करोड़ से भी ज्यादा है छोटे किसानों की आबादी
देश में छोटे किसानों की संख्या 10 करोड़ से अधिक है। उपज और किसानों की आय बढ़ाने के लिए उर्वरक उत्पादन में देश की आत्मनिर्भरता महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी ने बंद पड़े उर्वरक कारखानों के जीर्णोद्धार और क्षमता वृद्धि पर विशेष ध्यान दिया। इसी क्रम में वर्ष 2016 में देश के पूर्वी राज्यों में वर्षों से बंद पड़ी तीन उर्वरक फैक्ट्रियों को फिर से शुरू करने के लक्ष्य के साथ फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड की स्थापना का बड़ा फैसला लिया गया।
2016 में रखी गई थी गोरखपुर फर्टिलाइजर फैक्ट्री के पुनरुद्धार की आधारशिला
गोरखपुर की खाद फैक्ट्री पिछले 30 साल से ठप पड़ी थी और फैक्ट्री बंद होने से लोग काफी समय से परेशान थे। कई लोगों की नौकरी चली गई, और कारखाने के कारण चलने वाली अन्य फैक्ट्रियां भी बंद हो गईं, जिससे एक बड़ी आबादी की आजीविका खतरे में पड़ गई। खाद की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई, जिसका बिचौलियों द्वारा जमकर शोषण किया गया।
यूरिया की जमाखोरी और कालाबाजारी हो रही थी। उर्वरकों को ऊंचे दामों पर खरीदने के दबाव से मेहनतकश किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ और बिना खाद के फसल खराब होने का डर सता रहा था। गोरखपुर खाद फैक्ट्री को फिर से शुरू करने की लोगों की मांग पर पिछली सरकारों के वादे खोखले ही साबित हुए। इसके बाद पीएम मोदी ने वर्ष 2016 में गोरखपुर फर्टिलाइजर फैक्ट्री के पुनरुद्धार की आधारशिला रखी थी।
8,603 करोड़ की लागत से बना है गोरखपुर खाद कारखाना
यह कारखाना 8,603 करोड़ की लागत से बना है। जिसमें प्रतिदिन 30850 मीट्रिक टन यूरिया और 2200 मीट्रिक टन तरल अमोनिया का उत्पादन होगा। ऊर्जा कुशल, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल गोरखपुर कंपोस्ट फैक्ट्री उत्तर प्रदेश के किसानों के साथ-साथ बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, पंजाब और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों के किसानों को नीम लेपित यूरिया तक आसान पहुंच प्रदान करेगी। नीम कोटेड यूरिया से कालाबाजारी बंद होगी और बीज से बाजार का संकल्प मजबूत होगा।
साथ ही छोटे किसानों की आय बढ़ाने में भी यह बड़ी भूमिका निभाएगा। फैक्ट्री के संचालन से गोरखपुर और उसके आसपास के क्षेत्र विकास की नई ऊंचाइयों को छू सकेंगे। इससे करीब 20 हजार लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। वहीं प्रदेश के युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने के लिए कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा क्षेत्र के पारंपरिक उद्योगों और व्यवसायों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। आजादी के इस अमृत पर्व की ऋृंखला में देश को और खासकर हमारे अन्नदाताओं को समर्पित यह खाद कारखाना पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत को नई ताकत देगा। फैक्ट्री में हर साल 12.7 लाख मीट्रिक टन नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन होगा।
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