गुमला के डुमरी प्रखंड के कपागुत्रा गांव निवासी शहीद सेनानी जोसेफ तिग्गा ने 19 साल की उम्र में शहादत दी थी। परिजनों ने बताया कि शहीद के नाम पर सरकार की ओर से पटना में एक मकान मिला , उस घर पर दबंगों ने कब्जा कर लिया ।
चामू उरांव का जन्म गुमला शहर से सटे पुग्गू घनसिटोली में हुआ था। 1971 के युद्ध में, जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान में गुस्वपारा पोस्ट पर हमला किया था, तो 12 सैनिक शहीद हो गए थे। इसमें गुमला का चामू उरांव भी शामिल था।
1971 के भारत-पाक युद्ध में लांस नायक अल्बर्ट एक्का के साथ अनागडा निवासी सैनिक डेविड टिग्गा भी शहीद हो गए थे। उन्हें अल्बर्ट एक्का की कब्र के बगल में भी दफनाया गया था। डेविड को बचपन से ही देशभक्ति का शौक था।
प्रभुदान हेमरोम तोरपा प्रखंड के झटनीटोली गांव के रहने वाले थे। उन्हें भी उसी स्थान पर दफनाया गया है जहां अल्बर्ट एक्का को दफनाया गया था। मार्टी हेमरोम को मरणोपरांत सेवा पदक से सम्मानित किया गया।
तोरपा प्रखंड के तुरीगड़ा बरका टोली के पॉल टोपनो 1971 के युद्ध में शहीद हो गए थे। शहादत के बाद उन्हें अगरतला में ही दफनाया गया था। सेना के लोग वहां से कीचड़ और कफन लेकर गांव में आए थे। यह स्मृति परिवार के सदस्यों के लिए छोड़ी गई थी।
नामकुम के सोगोड करंजटोली निवासी साइमन नाग आखिरी बार नवंबर 1971 में छुट्टी पर घर आया था। उसने अपनी पत्नी से कहा कि वह तुम्हें एक कमरा लेकर रामगढ़ में रखेगा। लेकिन अगले ही दिन युद्ध में जाने का आह्वान किया गया।