जानें कौन है ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू, जिन्होनें संभाला चुनावी कार्यभार

केंद्र सरकार ने नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर 14 मार्च को अधिसूचना जारी कर दी है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इन खाली पदों को वरिष्ठ नौकरशाह ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू के नाम पर मुहर लगा दी है।
जानें कौन है ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू, जिन्होनें संभाला चुनावी कार्यभार
जानें कौन है ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू, जिन्होनें संभाला चुनावी कार्यभार

केंद्र सरकार ने नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर 15 मार्च को अधिसूचना जारी कर दी है।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इन खली पदों को वरिष्ठ नौकरशाह ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू के नाम पर मुहर लगा दी है। बता दें कि ये दोनों अलग-अलग समय पर भारतीय निर्वाचन सेवा (आईएएस) के पद से रिटायर्ड हैं।

कश्मीर डिविजन के इंचार्ज थे- ज्ञानेश कुमार

ज्ञानेश कुमार केरल कैडर के रिटायर्ड अफसर हैं। जम्मू -कश्मीर में 370 धारा निरस्त करने के ऐतिहासिक निर्णय में इनकी एहम भूमिका रही है।

जब 5 अगस्त ,2019 में आर्टिकल 370 हटाया गया था। उस समय केंद्रीय गृह मंत्रालय में कश्मीर डिविजन के इंचार्ज ज्ञानेश कुमार थे।

मई 2022 में ये सहकारिता मंत्रालय के सचिव रहे। उन्हें संसदीय कार्य मंत्रालय में सचिव पद से ट्रांसफर किया गया था। इनकी सर्विस रिटायरमेंट के बाद भी बरकरार रही।

31 जनवरी ,2024 को कुमार रिटायर हुए। बता दें कि सहकारिता मंत्रालय और गृह मंत्रालय में सचिव के तौर पर उन्होनें गृह मंत्री अमित शाह के साथ काम किया था।

जानें कौन है सुखबीर संधू

सुखबीर संधू 1998 बैच से रिटायर्ड आईएएस अफसर हैं। संधू राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के चेयरमैन और मानव संसाधन मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग में अडिशनल सेक्रेटरी की भूमिका में रहे।

2021 में पुष्कर सिंह धामी जब मुख्यमंत्री बनाये गए थे तब प्रदेश के मुख्य सचिव पद पर सुखबीर संधू ही थे।

संधू ने 'अर्बन रिफॉर्म्स' और 'म्यूनिसिपल मैनेजमेंट एंड कपैसिटी बिल्डिंग' पर रिसर्च पेपर्स भी लिखे हैं।

लुधियाना नगर निगम के आयुक्त के तौर पर उनकी सेवाओं के लिए संधू को राष्ट्रपति मेडल से नवाजा गया था।

कौन है मुख्य चुनाव आयुक्त

चुनाव आयुक्त की टीम अब इन पदों के भरने के बाद पूरी है। निर्वाचन आयोग के मुखिया यानि देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार होंगे।

कुमार ने ये पद 15 मई ,2022 में संभाला था। पहले वो 1 सितंबर, 2020 को चुनाव आयुक्त बनाए गए थे।

16 मार्च को होगा लोकसभा चुनाव की तारीख का एलान

चुनाव आयुक्त के पद अब भर चुके हैं जिसका सीधा मतलब ये है कि अब कभी भी लोकसभा के चुनाव कि तारीख का ऐलान हो सकता है।

सूत्रों की माने तो चुनाव आयोग ने 16 या 17 मार्च के दिन को आरक्षित रखा है और अपने आला अधिकारियों को साथियों को शहर से बहार ना जाने की सलाह दी है।

इस से पहले चुनाव आयोग ने 2019 में 10 मार्च दिन रविवार को लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान किया था।

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