लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां दमखम के साथ मैदान में उतर गई है। चुनाव आयोग के द्वारा 16 मार्च यानि शनिवार को लोकसभा के चुनाव की तारीखों को एलान किया जाएगा।
चुनाव सात चरणों में होने की संभावना जतायी जा रही है। इसी के साथ ही आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का भी एलान हो सकता है।
अगर बात कि जाये मतदाताओं की तो लगभग पांच सालों में मतदाताओं की संख्या में इजाफा देखने को मिला है।
8 फरवरी को जारी मतदाता सूची के मुताबिक इस चुनाव में 96.88 करोड़ मतदाता चुनाव में अपनी भागीदारी निभाएंगे।
इनमे 49. 72 करोड़ पुरुष, 47.15 करोड़ महिला और 48 हजार से ज्यादा अन्य मतदाता शामिल होंगे।
वहीं एक हजार पुरुष मतदाता पर 948 महिला मतदाता ज्यादा है। इसमें मतदाताओं का कुल 66.76 प्रतिशत देखने को मिल रहा है।
वहीं दूसरी तरफ 1.84 करोड़ ऐसे मतदाता शामिल है। जिनकी उम्र 18 से 19 साल के बीच है। 20 से 29 साल 19.74 करोड़ मतदाता है।
साथ ही 1.85 करोड़ मतदाताओं की उम्र 80 साल से ज्यादा है। लगभग 2,38,791 मतदाता 100 साल की उम्र को पार कर चुके हैं।
बता दें कि 2019 के मुकाबले मतदाताओं की संख्या में छह फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
2019 के लोकसभा चुनाव में 89.6 करोड़ मतदाता थे। पांच साल में मतदाताओं की संख्या में 7.28 करोड़ का इजाफा देखने को मिल रहा है।
वहीं पुरुष मतदाता 46.5 करोड़ से बढ़कर 49.72 हो गए हैं। यानी पुरुष मतदाताओं की संख्या में 3.22 करोड़ का इजाफा हुआ है। वहीं, महिला मतदाताओं की संख्या में 43.1 करोड़ से बढ़कर 47.15 करोड़ हो गई है।
पुरुषों के मुकाबले महिला मतदाताओं संख्या में ज्यादा इजाफा हुआ है। पांच साल में 4.05 करोड़ महिला मतदाता बढ़ीं हैं।