19 नवंबर को मंगलुरु में एक चलती ऑटो में ब्लास्ट हुआ इसके बाद ऑटो में आग लग गई और पूरे ऑटो में धुआं भर गया। घटना में ऑटो का ड्राइवर और पैसेंजर शाकिर दोनों ही जल गए।इस ऑटो ब्लास्ट की परतें खुलने पर उसके पीछे एक आतंकी हमले की साजिश सामने आई है।
हिन्दू होने का दिखावा करने वाले आरोपी मोहम्मद शरीक प्रेशर कुकर (जिसमें IED छुपा रखा था) के साथ ऑटो में बैठा। कुछ देर चलने के बाद रास्तें में ही विस्फोट हो गया हालाँकि अभी तक सामने नहीं आया की आरोपी ये विस्फोट कहा करने वाले थे और इसमें कितने लोग शामिल थे।
पुलिस ने जब उसके दो महीने का मूवमेंट ट्रेस किया है तो पता चला की वह कुछ महीने तमिलनाडु के कोयंबटूर एक मंदिर के पास ब्लास्ट हुआ था उस समय शरीक कोयंबटूर गया था। कोयंबटूर में दिवाली के दिन मंदिर के बाहर हुए कार बम धमाके में 29 साल का एक आत्मघाती हमलावर था।
ये मामला भी ठीक वैसा ही मालूम प्रतीत होता है। यही नहीं शरीक को मंगलुरु की दीवारों पर आतंक भरे संदेश लिखने के लिए UAPA के तहत गिरफ्तार भी किया गया था। वह इस केस में जमानत पर बाहर था।
शरीक अंतरराष्ट्रीय लेवल पर एक्टिव एक आतंकी संगठन से प्रेरित था। 24 साल का मोहम्मद शरीक शिवमोगा जिले के तीर्थनहल्ली का रहने वाला है। वह कुछ सालों से मैसूर के पास एक कमरा किराए पर लेकर रह रहा था जहां से रविवार को पुलिस ने बम बनाने का सामान और कई फर्जी ID बरामद किए।
आलोक कुमार, एडिशनल जनरल
वहीं इस मामले की हर एंगल से पड़ताल की जा रही है। यह भी पता लगाया जा रहा हैं कि कई मोहम्मद शरीक अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों, बैन किए गए संगठनों या स्लीपर सेल से जुड़ा तो नहीं है ?