
Manipur Violence: मणिपुर पिछले कुछ महीनों से हिंसा की आग में झुलस रहा है। मीडिया सूत्रों के अनुसार मणिपुर में बीती 3 मई को मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा शुरू होने के बाद से अब तक इस संघर्ष में 142 लोगों की जान जा चुकी और तोड़फोड़ और आगजनी में करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है।
मणिपुर में यह जातीय हिंसा अब भी थमने का नाम नहीं ले रहीं है। रह-रहकर हिंसक वारदातें हो रही हैं। इसी बीच एक वीडियो सामने आया है, जिसमें भीड़ दो महिलाओं को नग्न करके घुमाया रही है। जानकारी के अनुसार इन महिलाओं को नग्न घुमाने के बाद उनसे रेप किया गया और फिर हत्या कर दी गई।
कुछ मीडिया सूत्रों के अनुसार यह दरिंदगी तीन महिलाओं के साथ की गई। हालांकि वीडियो पुराना बताया जा रहा है, लेकिन इस पर जमकर सियासत शुरू हो गई है।
घटना पर जहां पीएम मोदी ने दुख जताते हुए आरोपियों को सख्त सजा दिए जाने का आश्वासन दिया है, वहीं सुप्रीम कोर्ट ने तो इस मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए सरकार को चेताया है कि या तो वह कार्रवाई करे नहीं तो हम एक्शन लेंगे।
मणिपुर सरकार ने बताया कि ये वीडियो 4 मई का राजधानी इंफाल के पास कांगपोकपी जिले का है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर बुधवार को वायरल हुआ।
सुप्रीम कोर्ट के CJI ने केंद्र और मणिपुर की सरकार से पूछा कि आपने अपराधियों पर क्या कदम उठाए और महिलाओं का एक औजार की तरह इस्तेमाल ना हो इसके लिए क्या निर्णय लिया है। यह हमारे संविधान का सबसे बड़ा घृणित अपमान है।
CJI नेआगे कहा कि मणिपुर का जो वीडियो सामने आया है, उससे हम सभी देशवासी बहुत परेशान हैं। हम सभी सरकार को थोड़ा वक्त देते हैं, ताकि सरकार अच्छा कदम उठाए। अगर सरकार कुछ नहीं कर पाती है तो हम कदम उठाएंगे।
CM एन बीरेन सिंह ने सभी आरोपियों की मौत की सजा दिलाने और गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मणिपुर की इस घटना से 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार होना पड़ा रहा है। किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। मणिपुर में बेटियों के साथ जो भी हुआ, उसे हम सभी कभी माफ नहीं करेंगे।
सरकारी सूत्रों के हवाले से ANI ने बताया है कि सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को इस वीडियो को शेयर ना करने का आदेश दिया है।
4 मई की करीब 3 बजे 800-1000 लोग गांव बी. फीनोम में घुस आए। लोगों ने घरों में घुसकर तोड़फोड़ की और घरों में आग भी लगा दी।
हमलावर मैतेई युवा संगठन के बताये गए हैं। कई लोग हमलावरों के डर से जंगल की ओर भाग गए।
हमलावरों ने 56 साल के सोइटिंकम की हत्या कर दी। उसके बाद 3 महिलाओं को कपड़े उतारने के लिए भी मजबूर किया।
हमलावरों ने कुछ महिलाओं के साथ गैंगरेप भी किया। एक भाई ने अपनी बहन को बचाने की कोशिश में अपनी जान दे दी।
मणिपुर पुलिस ने मामले की जांच प्रारंभ कर दी है। एक मुख्य आरोपी को पकड़ लिया गया है, शेष आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस दबिश दे रही है। 2 साथी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
मणिपुर में करीब 38 लाख लोग हैं जिसमें तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। नगा-कुकी ईसाई धर्म और मैतई ज्यादातर हिंदू धर्म को मानते हैं।
मैतेई समुदाय की मांग है कि मैतेई समुदाय को भी जनजाति का दर्जा मिलना चाहिए। मैतेई समुदाय ने इसके लिए हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई।
मैतेई समुदाय की दलील दी थी कि 1949 में मणिपुर भारत विलय होते समय मैतेई को जनजाति का ही दर्जा मिला था।
हाई कोर्ट ने मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल करने की बात कही। बाकी दोनों नगा-कुकी जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं।