दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शराब नीति मामले को लेकर सीबीआई के बाद ईडी ने सिसोदिया की हिरासत बढ़ाने की मांग की थी, जिसके लिए राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुनाया है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया की रिमांड बढ़ाने का फैसला किया है। सिसोदिया को 5 दिन और ईडी की हिरासत में रहना होगा।
बता दें कि सिसोदिया पिछले 7 दिन से ईडी की रिमांड पर थे। ईडी ने सिसोदिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए कोर्ट से रिमांड 7 दिन बढ़ाने की मांग की थी।
कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को अपने परिवार के खर्च के लिए चेक पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दी। अदालत ने उन्हें सिसोदिया के परिवार के लिए 40,000 रुपये और पत्नी के मेडिकल के लिए 45,000 रुपये के चेक पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दी है।
सूत्रों के मुताबिक, ईडी की ओर से पेश हुए वकील ने अपनी दलीलें देते हुए सिसोदिया पर गंभीर आरोप लगाए। ईडी ने कहा कि सिसोदिया ने उनका फोन नष्ट कर दिया था। ईडी ने कोर्ट से सिसोदिया की रिमांड 7 दिन बढ़ाने की मांग की थी। ईडी ने कहा कि सिसोदिया ने उनका फोन नष्ट कर दिया था, इसलिए उनसे दोबारा पूछताछ की जरूरत है।
आइए जानते हैं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को क्यों किया गया गिरफ्तार...
मनीष सिसोदिया से पूछताछ के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी को पता चला कि उन्होंने करीब 7 मोबाइल फोन बदले और अन्य आरोपियों के साथ मिलकर 170 के करीब सिमकार्ड और मोबाइल हैंडसेट डिस्ट्रॉय करने पर संतुष्ट जवाब नहीं मिला।
आबकारी घोटाले में शामिल सरकारी अफसर और अन्य आरोपियों से पूछताछ के दौरान मनीष सिसोदिया की भूमिका संदिग्ध थी।
आज यानि 28 फरवरी को 2 दानिक्स अधिकारियों से मनीष सिसोदिया को आमने-सामने (Confront) करवाया गया था।
साउथ के ग्रुप से जो 100 करोड़ रुपये इन्वेस्ट किया गया और नई शराब नीति में kickback के तौर पर उस पर भी सिसोदिया सीधा जवाब नहीं दे पाए।