संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हुआ है और पहले ही दिन से हंगामे की भेंट चढ़ा हुआ है। विपक्ष लगातार सरकार को सदन में घेरने में जुटा हुआ है और मंहगाई, बेरोजगारी और जांच एजेंसियों की कार्रवाई के विरोध में लगातार हंगामा जारी है।
आलम ये है कि हंगामे के चलते राज्यसभा के 19 सांसदों को सदन से एक हफ्ते के लिए निलंबित कर दिया है। सूत्रों के अनुसार ये राज्यसभा सांसद सदन के वेल में प्रवेश करने और नारेबाजी करने के लिए संस्पेंड किए गए हैं।
मानसून सत्र शुरूआत से ही हंगामें की भेंट चढ़ा हुआ है। विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है। सरकार का कहना है कि विपक्ष संसद की कार्रवाई में खलल डाल रहा है। वहीं विपक्ष का कहना है कि सरकार इन मुद्दों पर चर्चा से भाग रही है।
राज्यसभा में हंगामे को लेकर विपक्षी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की गई। उपसभापति ने 19 सांसदों को निलंबित कर दिया। इन सांसदों में तृणमूल सांसद सुष्मिता देव, डॉ शांतनु सेन और डोला सेन, शांता छेत्री, मोहम्मद अब्दुल्ला, एए रहीम, एल यादव और वी वी. शिवादासन, अबीर रंजन विश्वास, नदीमुल हक शामिल हैं।
बता दें कि इससे पहले सोमवार को भी लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने महंगाई और GST की बढ़ती दरों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। लोकसभा में हंगामा करने को लेकर कांग्रेस के चार सांसदों को कार्रवाई की गई। मणिक्कम टेगोर, टीएम प्रतापन, ज्योतिमणी, रम्या हरिदास को इस पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।