
NCERT Syllabus: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) सीबीएसई के छात्र अब कक्षा 10वीं, 11वीं और 12वीं में इतिहास की नई पुस्तकें पढ़ेंगे। इन छात्रों को इतिहास की पुस्तकों में अब मुगल साम्राज्य, दिल्ली दरबार, अकबरनामा, बादशाहनामा और कई राजनीतिक दलों के उदय की कहानियां पढ़ने को नहीं मिलेंगी। NCERT ने हिंदी, इतिहास, सिविक्स और पॉलिटिकल साइंस के सिलेबस में ये बदलाव किए हैं। गौरतलब है कि बीते साल NCERT ने पाठ्य पुस्तकों से गुजरात दंगों का संदर्भ और मुगल साम्राज्य आदि चैप्टर हटाए थे।
बता दें सिलेबस के इस सेक्शन के तहत छात्रों को कांग्रेस, सोशलिस्ट, कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय जनसंघ आदि के बारे में पढ़ाया जा रहा था। पाठ्यक्रम से मुगल दरबार और अन्य अध्यायों को हटाने पर विवाद भी खड़ा हो गया है। कांग्रेस, सीपीएम, शिवसेना समेत (उद्धव गुट) के कई पार्टियों ने इस कदम का विरोध जताया है।
NCERT के पाठयक्रम को लेकर अभी क्या हुआ? क्या बदलाव हुए? विवाद क्यों? समर्थन और विरोध में क्या कहा जा रहा है? यह सब जानने के लिए पढ़ें Since Independence की यह रिपोर्ट।
एनसीईआरटी की किताबों से यूं तो कई अध्याय हटे हैं लेकिन 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम से मुगल दरबार की सामग्री और कुछ कवियों की रचनाओं को हटाने पर विवाद छिड़ गया है। इसको लेकर शिक्षाविदों का कहना है कि अब तक मुगलों को ही ज्यादा पढ़ाया गया है। बच्चों को हर शासक के बारे में इन किताबों के जरिए ही जानकारी मिल सकती है, इसलिए सभी शासकों के बारे में पढ़ाया जाना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी इन शासकों के शौर्य और पराक्रम से परिचित हो सके और अपने देश के इतिहास को गहराई तक समझ सके।
दिल्ली भाजपा नेता और पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने एक बयान में कहा, 'NCERT से मुगलों का झूठा इतिहास हटाना एक शानदार निर्णय है।'
शिक्षाविद डॉ. एससी शर्मा कहते हैं, 'यह एक तरफ तो अच्छी पहल है। हमें अपनी वंशावली पढ़ानी चाहिए। हमें यह भी जानकारी भी देनी चाहिए कि मुगलों या अन्य किसी से युद्ध में हमारे योद्धाओं ने कितनी वीरता दिखाई। वास्तविकता को जरूर दिखाना चाहिए। देश के भावी कर्णधारों को पूरा इतिहास पता होना चाहिए, सत्य छपना चाहिए।'
शंकराचार्य ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा, 'एनसीईआरटी ने मुगल दरबार के चैप्टर को निकालकर सही किया बच्चों को इन हत्यारों, बलात्कारियों, लुटेरों और दुश्चरित्र लोगों के बारे में क्यों पढ़ना?'
इतिहासकार और एएमयू के एमेरट्स प्रोफेसर इरफान हबीब ने एनसीईआरटी की किताबों से मुगल दरबार का इतिहास हटाए जाने पर कहा, विद्यार्थियों को कौन बताएगा कि ताजमहल किसने बनाया? उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में सात अजूबों में ताजमहल शामिल है। अब इसके इतिहास के बारे में नई पीढ़ी नहीं जान सकेगी।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस विवाद पर कहा कि इतिहास को बदलने की कोशिश हो रही है। सच को झूठ और झूठ को सच बनाया जा रहा है।
कांग्रेस की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि यूपी इतिहास और जीव विज्ञान का अपना संस्करण तैयार करेगा।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने भी तंज कस्ते हुए कहा कि आधुनिक भारतीय इतिहास 2014 से शुरू होना चाहिए।
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने इस कदम की आलोचना की और इसे सांप्रदायिक बताया।
एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा कि मुगलों के बारे में अध्याय नहीं हटाए गए हैं। उन्होंने कहा, 'यह झूठ है। पिछले साल एक रेशनलाइजेशन प्रोसेस थी क्योंकि कोरोना के कारण हर जगह छात्रों पर दबाव था।' एनसीईआरटी के निदेशक ने बहस को अनावश्यक बताते हुए कहा कि विशेषज्ञ समिति ने सिफारिश की है कि यदि अध्याय को हटा दिया जाता है, तो इससे बच्चों के ज्ञान पर कोई असर नहीं पड़ेगा और एक अनावश्यक बोझ को हटाया जा सकता है।