New Criminal Laws: मोदी सरकार के इस कदम की तारीफ में चीफ जस्टिस ने जो कहा, वह विपक्ष कैसे करेगा हजम?

CJI on New Criminal Law: सीजेआई ने तो यहां तक कहा कि संसद द्वारा इन कानूनों को अधिनियमित किया जाना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत बदल रहा है और आगे बढ़ रहा है।
New Criminal Laws: मोदी सरकार के इस कदम की तारीफ में चीफ जस्टिस ने जो कहा, वह विपक्ष कैसे करेगा हजम?
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CJI's Opinion on New Criminal Law: जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने जब से सीजेआई का पदभार संभाला है तबसे खूब चर्चा में हैं। विपक्ष भी उनके फैसलों पर खूब खुश रहता है। पिछले दिनों इलेक्टोरल बॉन्ड वाले फैसले पर तो विपक्ष ने चंद्रचूड़ को लोकतंत्र का रक्षक बता दिया, लेकिन अब ताजा मामला पलटा हुआ है।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को मोदी सरकार के एक कदम की जमकर प्रशंसा कर दी। यह शायद ही विपक्ष को हजम होगा। असल में डी. वाई. चंद्रचूड़ ने नए आपराधिक न्याय कानूनों के अधिनियमन को समाज के लिए ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा कि भारत अपनी आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव के लिए तैयार है।

उन्होंने ‘आपराधिक न्याय प्रणाली के प्रशासन में भारत का प्रगतिशील पथ’ विषय पर आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि नए कानून तभी सफल होंगे जब वे लोग इन्हें अपनाएंगे, जिन पर इन्हें लागू करने का जिम्मा है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि नए अधिनियमित कानूनों के कारण आपराधिक न्याय संबंधी भारत के कानूनी ढांचे ने नए युग में प्रवेश किया है।

भारत महत्वपूर्ण बदलाव के लिए तैयार

चंद्रचूड़ ने कहा कि पीड़ितों के हितों की रक्षा करने और अपराधों की जांच एवं अभियोजन में कुशलता के लिए अत्यावश्यक सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत तीन नए आपराधिक कानूनों के भावी कार्यान्वयन के जरिए अपनी आपराधिक न्याय प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव के लिए तैयार है। ये कानून हमारे समाज के लिए एक ऐतिहासिक क्षण को दर्शाते हैं क्योंकि कोई भी कानून, हमारे समाज के दिन-प्रतिदिन के आचरण को आपराधिक कानून जितना प्रभावित नहीं करता।

'भारत बदल रहा है.. आगे बढ़ रहा'

सीजेआई ने कहा कि संसद द्वारा इन कानूनों को अधिनियमित किया जाना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत बदल रहा है एवं आगे बढ़ रहा है और मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए नए कानूनी उपकरणों की जरूरत है।

सीजेआई ने कहा कि भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली ने ‘‘हमारे सामाजिक-आर्थिक परिवेश में प्रौद्योगिकी संबंधी बड़े परिवर्तनों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए संघर्ष किया है’’ और इन बदलावों ने समाज में होने वाले अपराधों के सामने आने की मौलिक रूप से फिर से कल्पना की है।

इन तीनों कानूनों से प्रभावित हैं सीजेआई?

देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलने के लिए नए अधिनियमित कानून ‘भारतीय न्याय संहिता’, ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता’ और ‘भारतीय साक्ष्य अधिनियम’ एक जुलाई से लागू होंगे। हालांकि, ‘हिट-एंड-रन’ के मामलों से संबंधित प्रावधान को तुरंत लागू नहीं किया जाएगा।

बता दें कि तीनों कानूनों को पिछले साल 21 दिसंबर को संसद की मंजूरी मिली थी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को इन्हें स्वीकृति दी थी।

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