देश की काफी हद तक अर्थव्यवस्था खेती किसानी पर टिकी हुई है। यही वजह है की खेती को अलग तरह का महत्व दिया जाता है। अब किसान घर बैठे फसल का हाल जान सकेंगे।
फसल को कितनी नमी और सिंचाई की जरुरत है अब नए भारत के इस दौर में कीटनाशक कब छिड़कना है, धूप पौधों पर कैसा असर डाल रही है।
ये सभी डेटा सेंसर रिकॉर्ड करेगा। सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग के वैज्ञानिकों ने वायरलेस सेंसर नेटवर्क (डब्लयूएसएन) का लेटेस्ट वर्जन बनाया है।
जो अत्याधुनिक सेंसर से फसल को महसूस कर डेटा एनालाइज करने के बाद किसान को अलर्ट मैसेज भेज देगा।
अब तक हमने ऐसे बहुत से मामले देखे और सुने है। जहां फसल बर्बाद होने के कारण किसानों ने आत्महत्या कर ली पर अब ऐसा होने के चान्सेस कम होंगे। क्योंकि सी-डैक पर्यावरण से जुड़ी सारी जानकारी किसान को पहले ही दे देगा।
बता दें कि इसे खेत में इनस्टॉल कर सकते है। इसके तीन हिस्से हैं। नोड्स सेंसर, राउटर और गेट वे।
पांच नोड्स रियल टाइम में तापमान, पत्ती का गीलापन, मिटटी की नमी जैसी सूक्ष्म जानकारी रिकॉर्ड करते हैं।
इसके डेटा को एनालाइज करके राउटर को भेजते हैं। राउटर में लगी सिम वायरलेस इंटरनेट से कनेक्ट होकर अलर्ट मैसेज देगी।।