आतंकी फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने जम्मू कश्मीर के बारामुला जिले के पट्टन शहर में कई जगह छापे मारे। इसमें जमात-ए-इस्लामिया के पूर्व जिलाध्यक्ष अब्दुल गनी वानी और पीर तनवीर के घर भी शामिल हैं।
आतंकी फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के बारामुला जिले के पट्टन शहर में कई जगह छापे मारे है। NIA के अधिकारी पुलिस CRPF दल के साथ बारामुला के पट्टन और पुलवामा के पिंगलाना इलाके में पहुंची और वहां रहने वाले जमात-ए-इस्लामिया के पूर्व जिलाध्यक्ष अब्दुल गनी वानी और पीर तनवीर के आवास सहित कई जगहों पर तलाशी शुरू कर दी। जिन घरों व कार्यालयों में ये अभियान चल रहा है वहां न तो भीतर और ना ही किसी को बाहर जाने की इजाजत दी जा रही है। स्थानीय पुलिस के एसएचओ भी मौके पर मौजूद हैं। यह तुरंत पता नहीं चल सका है कि ये छापेमारी किस मामले में की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार विदेशी फंडिंग और जमात के विदेशी संचालन के अलावा उनसे जम्मू-कश्मीर में और प्रदेश से बाहर जमात-ए-इस्लामी की गतिविधियों के बारे में पूछताछ की गई। पूछताछ में जमात की संपत्तियां शामिल है। जिनका आतंकी फंडिंग से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध था।
पिछले एक साल से राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने समय & समय पर कश्मीर में कई स्थानों पर छापामारी करी है। पिछले साल जून में जम्मू के भटिंडी इलाके से आईईडी की बरामदगी और दूसरा लश्कर-ए-तैयबा द्वारा जम्मू कश्मीर के युवाओं को भर्ती करने के संबंध में छापेमारी की गई थी।
इससे पहले फरवरी में राज्य जांच एजेंसी SIA ने प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के अध्यक्ष अमीर अध्यक्ष और पांच अन्य सदस्यों से आठ घंटे तक पूछताछ की थी। जिसमें पीर अब्दुल राशिद़, रुक्न-ए-जमात मुजफ्फर जान (जेईआई) सदस्य तारिक अहमद हारून, पदाधिकारी पूर्व प्रभारी जमात कार्यालय और मोहम्मद यूसुफ शेख (रुक्न-ए-जमात) समेत कुछ अन्य सहयोगियों को भी एसआईए ने तलब किया था।
आपको बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भारत की प्राथमिक आतंकवाद विरोधी वर्क फोर्स है। एजेंसी को गृह मंत्रालय की तरफ से राज्यों से विशेष अनुमति के बिना राज्यों में आतंकवाद से संबंधित अपराधों की जांच करने का अधिकार है। एजेंसी 31 दिसंबर 2008 को भारत की संसद द्वारा राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम 2008 के अधिनियमन के साथ अस्तित्व में आई। जिसे मुंबई में घातक 26/11 के आतंकवादी हमले के बाद पारित किया गया था।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के केंद्र शासित प्रदेश का दौरा करने के कुछ दिनों बाद ही जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने 1 नवंबर को आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच के लिए एक नई जांच एजेंसी राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) के गठन की घोषणा की थी।