
Northeast Elections: पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय के विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद केंद्रीय उड्डयन मंत्री और बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी के लिए यहां तक कहकर सबको चौंका दिया कि 'ऐसा न हो कि कांग्रेस पार्टी ही न बचे'। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों में कांग्रेस की बुरी हार के लिए और कोई नहीं, सिर्फ राहुल गांधी जिम्मेदार हैं।
उन्होंने राहुल गांधी के कैम्ब्रिज में बदले लुक पर भी तंज कसते हुए कहा कि उनका कोई लुक अब बाकी रह गया है क्या? यूं तो इसे ज्योतिरादित्य सिंधिया का सियासी बयान कहा जा सकता है, लेकिन इसके मायने भी बड़े हैं। एक तरह से सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी को उसकी हैसियत याद दिला दी है, साथ ही 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की क्या गत हो सकती है, जता दिया है। सिंधिया के इस बयान से राजनीति में जैसे भूचाल आ गया है।
एक कार्यक्रम में शिरकत करने एमपी के ग्वालियर पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि राहुल गांधी को पूरे देश की जनता ने नकार दिया है। साथ ही ये भी कहा कि मैं, उनके लुक की बात नहीं करना चाहता। पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों के परिणाम ही बता रहे हैं कि देश की सियासी फिजां में उनकी हैसियत अब क्या है?
तीनों राज्यों के चुनाव परिणाम से स्पष्ट है कि राहुल गांधी और उनकी भारत जोड़ो यात्रा को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। बता दें कि दो साल पहले तक ज्योतिरादित्य सिंधिया राहुल गांधी के करीबियों में शुमार थे। अब वो बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री हैं। यही वजह है कि मौका मिलते ही वो राहुल गांधी पर हमला करने से नहीं चूकते। वह राहुल गांधी से पहले एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ और कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह पर लगातार निशाना साध रहे हैं।
उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक के बीदर में शु्क्रवार (3 फरवरी) को जनसभा करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में हारने के बाद कहीं नहीं दिख रही है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, '' त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। हारे तो हारे, लेकिन ऐसे हारे हैं कि दूरबीन लेकर भी नहीं दिख रहे हैं। कांग्रेस को नागालैंड में 0 सीट, मेघालय में 3 सीट और त्रिपुरा में सिर्फ 4 सीट मिली है।'' उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक राज्य में भी बीजेपी को बहुमत मिलेगा।
गिने-चुने राज्यों को छोड़ दें तो देश की ग्रैंड ओल्ड पार्टी कांग्रेस तेजी से सिमट रही है। देश में कुल 4033 विधायक हैं, इनमें कांग्रेस के 658 बचे हैं। पिछले 8 सालों में कांग्रेस विधायकों की संख्या 24% से घटकर 16% ही रह गई है। पांच राज्यों में तो पार्टी का कोई विधायक नहीं बचा। वहीं 9 राज्यों में 10 कम विधायक हैं।