Kuldeep Choudhary -
सिगरेट और अन्य तंबाकू जनित पदार्थों की पैकिंग के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से संशोधित नियम 21 जुलाई को जारी किए गए हैं। इन निर्देशों के अनुसार अब सिगरेट और अन्य उत्पादों के पैकेटों पर बड़े अक्षरों में तंबाकू सेवन यानी अकाल मृत्यु लिखना होगा। आपको बता दें कि इससे पहले तंबाकूजनित पदार्थों के पैकेट पर तंबाकू यानी दर्दनाक मौत लिखा होता था। इसके अलावे पैकेट के पिछले हिस्से में काली पृष्ठभूमि पर सफेद अक्षरों में लिखा होगा - "आज ही छोड़ें, कॉल करें 1800-11-2356"
किसी भी तरह का तंबाकू या उससे युक्त पदार्थ किसी नाबालिग को बेचना बाल न्याय अधिनियम 2015 की धारा 77 का उल्लंघन है। इस कानून के तहत आरोपित को सात वर्ष तक की कैद और एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है। अब केंद्र सरकार ने सिगरेट के पैकेट पर चेतावनी को नए ढंग से लिखने के नियम भी जारी कर दिए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल दुनिया भर में लगभग 80 लाख लोग तंबाकू के सेवन से होने वाले रोगों की वजह से मौत हो जाती है. वहीं हर साल सिगरेट मैन्युफैक्चरिंग के लिए करीब 60 करोड़ पेड़ कटे जाते है।
अगर तम्बाकू, सिगरेट व शराब स्वस्थ के लिए हानिकारक है, इससे अकाल मृत्यु होती है और सरकार इस बात को स्वीकार भी करती है तो फिर बैन लगाने के लिए इतना विचार क्यों ? क्या टैक्स से आने वाली भारी रकम के लालच के पीछे बस पैकेट के पीछे एक लाइन लिखवा कर अपनी जिम्मेदारियों से पीछा छुड़ाना चाहती है? सोचने वाली बात तो यह कि देश कि आधी आबादी को मृत्युशया पर लेटा कर क्या कभी देश का भला हो सकता है ? नहीं, तो फिर तंबाकूजनित पदार्थों को पूर्णतः बैन क्यों नहीं लगाया जाता ? 'तम्बाकू हानिकारक है' यह कह देने मात्र से इस गंभीर समस्या से छुटकारा नहीं मिल सकता इसके लिए सरकार को ठोस कदम उठाने कि अति आवश्यकता है