पेट्रोल-डीजल की कीमतों में फिर बढ़ोतरी, चुनाव खत्म होने के बाद 5 बार बढ़े भाव

जून 2010 तक सरकार पेट्रोल के दाम तय करती थी। इसे हर 15 दिन में बदला जाता था। 26 जून 2010 के बाद सरकार ने पेट्रोल की कीमत तय करने का काम तेल कंपनियों पर छोड़ दिया
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में फिर बढ़ोतरी
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में फिर बढ़ोतरी
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देशभर में चुनावी मौसम खत्म होने के साथ ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ने लग गई है। पिछले एक हफ्ते में पेट्रोल-डीजल के दाम पांच गुना बढ़े हैं। इसके बाद रविवार को जयपुर में पेट्रोल का भाव 55 पैसे बढ़कर 111.11 हो गया। जबकि डीजल प्रति लीटर की कीमत 57 पैसे बढ़कर 94 रुपये 54 पैसे प्रति लीटर हो गई है। इससे पहले सोमवार को पेट्रोल 87 पैसे और डीजल 88 पैसे, मंगलवार को पेट्रोल 82 पैसे और डीजल 65 पैसे, गुरुवार को पेट्रोल 88 पैसे और डीजल 82 पैसे और शनिवार को पेट्रोल 87 पैसे और डीजल 80 पैसे महंगा हुआ था। ऐसे में तेल की लगातार बढ़ती कीमतों ने आम आदमी के घर का बजट बिगाड़ दिया है।

भारत के शीर्ष ईंधन खुदरा विक्रेताओं IOC, BPCL और HPCL को नवंबर से मार्च के बीच लगभग 2.25 बिलियन डॉलर (19 हजार करोड़ रुपये) के राजस्व का नुकसान हुआ है। ऐसे में चुनावी मौसम खत्म होने के साथ ही अब सरकार रिफाइनरों को नुकसान से बचाने के लिए कीमतें बढ़ाने की अनुमति देगी। ऐसे में अगले कुछ दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 15 से 20 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है। इसके लिए पेट्रोल-डीजल के दामों को एक साथ न बढ़ाकर धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा।
अनिल शर्मा राजस्थान पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन
केंद्र सरकार ले रही 27.90 रुपये उत्पाद शुल्क
पेट्रोल का बेस प्राइस 49 रुपये के आसपास है। इस पर केंद्र सरकार 27.90 रुपये उत्पाद शुल्क ले रही है। इसके बाद राज्य सरकारें इस पर अपने हिसाब से वैट और सेस लगाती हैं। कीमत बेस प्राइस से तीन गुना तक बढ़ गई है। ऐसे में बिना टैक्स में राहत दिए पेट्रोल के दाम कम करना संभव नहीं है।
पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने से काफी मदद मिलेगी। यह अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से दिन-प्रतिदिन कीमतें बढ़ रही हैं, अब पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना होगा।
सुनीत बगई अध्यक्ष राजस्थान पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन

पेट्रोल की कीमत तय करना तेल कंपनिया के हाथ

जून 2010 तक सरकार पेट्रोल के दाम तय करती थी। इसे हर 15 दिन में बदला जाता था। 26 जून 2010 के बाद सरकार ने पेट्रोल की कीमत तय करने का काम तेल कंपनियों पर छोड़ दिया। इसी तरह अक्टूबर 2014 तक डीजल की कीमत भी सरकार ने तय की थी। 19 अक्टूबर 2014 से सरकार ने यह काम तेल कंपनियों को सौंप दिया।

रोजाना पेट्रोल और डीजल की कीमत निर्धारित

वर्तमान में तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत, विनिमय दर, कर, पेट्रोल और डीजल की परिवहन लागत और कई अन्य चीजों को ध्यान में रखते हुए रोजाना पेट्रोल और डीजल की कीमत निर्धारित करती हैं।

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