पाकिस्तानी बहन कमर मोहसिन शेख ने पीएम मोदी के लिए भेजी राखी, मिलने की भी जताई इच्छा

रक्षा बंधन के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाकिस्तानी बहन कमर मोहसिन शेख ने उन्हें राखी व शुभकामना संदेश भेजे हैं। शेख ने खास बताचीत में कहा, 'मैंने उन्हें रक्षा बंधन की शुभकामना दी है। उनकी अच्छी सेहत व दीर्घायु की प्रार्थना करती हूं।
पाकिस्तानी बहन कमर मोहसिन शेख ने पीएम मोदी के लिए भेजी राखी, मिलने की भी जताई इच्छा
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रक्षा बंधन के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाकिस्तानी बहन कमर मोहसिन शेख ने उन्हें राखी व शुभकामना संदेश भेजे हैं। शेख ने खास बताचीत में कहा, 'मैंने उन्हें रक्षा बंधन की शुभकामना दी है। उनकी अच्छी सेहत व दीर्घायु की प्रार्थना करती हूं।

मैंने उन्हें टीवी पर हाल ही में खिलाडि़यों से मिलते हुए देखा। एक खिलाड़ी की मां होने के नाते लगता है कि वह मुझे राखी बांधने के लिए दिल्ली बुलाएंगे। मेरा बेटा सुफैन शेख दुनिया के सबसे युवा तैराकों में शुमार है और कई पुरस्कार जीत चुका है।'

कोविड टीकाकरण अभियान को लेकर पीएम मोदी की तारीफ की

उन्होंने कहा, 'यह उनकी (पीएम मोदी) विशेषता है। वह हमेशा लोगों को देश के लिए काम करने को प्रेरित करते हैं। वह देश के लिए प्रशंसनीय काम कर रहे हैं और कोविड टीकाकरण अभियान का भी बहुत अच्छे से नेतृत्व कर रहे हैं। जो लोग पहले वैक्सीन लेने से डरते थे, वे अब प्रोत्साहन पाकर बेहिचक टीके लगवा रहे हैं।'

बता दें कि पिछले साल सात अगस्त को कमर शेख अपनी शादी के बाद पाकिस्तान से भारत आई थीं। उन्होंने कहा था कि वह पीएम मोदी को तब से राखी बांध रही हैं, जब वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता थे।

 सालों से पीएम मोदी को राखी बांध रहीं 

शादी के बाद पाकिस्तान से भारत पहुंची कमर मोहसिन शेख ने उनकी स्मृति को याद करते हुए कहा कि मोदी के साथ उनका पहला रक्षा बंधन तब था जब वह आरएसएस के कार्यकर्ता थे। शेख ने यह भी बताया कि वह 20-25 वर्षों से ज्यादा समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राखी बांध रही हैं।

पिछले साल कमर मोहसिन शेख कोरोना संकट के कारण प्रधानमंत्री मोदी से नहीं मिल पाई थी

रक्षा बंधन हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार श्रावण माह के अंतिम दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर अगस्त के महीने में आता है। पिछले साल कमर मोहसिन शेख कोरोना संकट के कारण प्रधानमंत्री मोदी से नहीं मिल पाई थी, इसलिए उन्होंने डाक के माध्यम से उन्हें पवित्र धागा भेजा था।

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