रामलला को विश्राम नहीं मिल रहा है, 5 साल के बालक को 15 घंटे जगाना उचित नहीं
रामलला को विश्राम नहीं मिल रहा है, 5 साल के बालक को 15 घंटे जगाना उचित नहीं

भक्तों के लिए Sad News ! घट सकता है दर्शन करने का समय, रामलला को नहीं मिल रहा विश्राम

News: रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु भगवान राम का दर्शन करने के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं।
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News: रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु भगवान राम का दर्शन करने के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं।

पिछले 21 दिनों से रोजाना दो से ढाई लाख भक्त रामलला के दरबार में पहुंच रहे हैं। मंदिर सुबह 6:30 बजे से रात 10 बजे तक निरंतर खोला जा रहा है।

रामलला को विश्राम नहीं मिल रहा है। वहीं, राम नगरी में उमड़ रही भीड़ पर राममंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि रामलला को 15 घंटे जगाना उचित नहीं है। 5 साल के बालक को आराम भी मिलना चाहिए।

चंपत राय ने बताया कहना है कि 5 साल के बालक के रूप में पूजे जाने वाले भगवान राम को बीच- बीच में अच्छी तरह विश्राम की भी आवश्यकता है। 24 जनवरी के बाद से श्रद्धालुओं का भारी दबाव कम करने के लिए प्रतिदिन 15 घंटे मंदिर खुल रहे हैं, जिससे भक्त रामलला का दर्शन करें।

पुजारी सत्येंद्र दास ने भी चंपत राय का किया समर्थन

रामलला के मुख्य आचार्य सत्येंद्र दास ने चंपत राय का समर्थन करते हुए कहा कि रामलला पांच वर्ष के बालक के रूप में विराजमान हैं।

लगातार 15 घंटे तक दर्शन दे रहे हैं। उन्हें विश्राम नहीं मिल रहा है। यह शास्त्रोक्त तरीके से भी उचित नहीं है।

रामलला को कम से कम दोपहर में एक से दो घंटे विश्राम की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट से बात करके जल्द ही नई व्यवस्था कराई जाएगी, इसमें मंदिर में दर्शन के घंटे कुछ कम किए जा सकते हैं।

रामलला को विश्राम नहीं मिल रहा है, 5 साल के बालक को 15 घंटे जगाना उचित नहीं
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