
भारत, बांग्लादेश सहित पड़ोसी देशों में रोहिंग्या मुसलमान शरणार्थियों की समस्या बढ़ती जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार से म्यामांर से निकाले गए रोहिंग्या मुसलमान अब भारत सहित भारत के पड़ोसी देशों के लिए भी समस्या बनते जा रहे हैं।
बांग्लादेश में तो हालात इतने खराब हैं कि वहां के गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो रोहिंग्या शरणार्थी कैंप में सेना के जवानों को तैनात किया जाएगा, जिससे क्राइम बढ़ने से रोका जा सके और नशीले पदार्थों की स्मगलिंग ना बढ़े।
बांग्लादेश ही नहीं दिल्ली और नेपाल में भी शरणार्थी कैंप में रह रहे ये रोहिंग्या लोग बार बार क्राइम में पकड़े जा रहे हैं। ये लोग चोरी और डकैती के अपराधों मे लिप्त पाए जा रहे हैं जो कि यहां कि सरकारों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। यहां तक कि बांग्लादेश तो इन रोहिग्याओं को वापस म्यांमार भेजने में जुटा हुआ है।
बात अगर बांग्लादेश की करें तो वहां के अधिकारियों के मुताबिक, कॉक्स बाजार जो कि वहां शरणार्थियों का इलाका है वहां पर पिछले पांच साल में हत्या, लूट, रेप, ड्रग स्मगलिंग और कई अन्य तरह की आपराधिक गतिविधियों में लगभग सात गुना की वृद्धि हुई है।
बता दें कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी इस बात का जिक्र कर चुकी हैं। उन्होंने अपने भाषण में कई बार पुलिस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि कुछ रोहिंग्या शरणार्थी आपराधिक गतिविधियों को लीड कर रहे हैं और वे कैंप कट्टरपंथी संगठनों के लिए गढ़ बन रहे हैं।
बता दें कि बांग्लादेश में हालात इतने खराब हैं कि वहां की सरकार रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस ले जाने की जुगत में लगी हुई है। बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल ने कहा, 'रोहिंग्या शरणार्थियों के मोबाइल फोन को ट्रैक किया जाएगा ताकि वे कोई भी अवैध गतिविधि न कर सकें।' रोहिंग्या संकट के समाधान के लिए सरकार की कोशिशों के बारे में मंत्री ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि रोहिंग्याओं को जल्द ही वापस भेजा जाएगा। सरकार की कोशिश अभी भी जारी है।