पिछले कुछ दिनों से देश में बारिश आफत बन कर बरस रही है। पिछले महीने असम में जमकर बदरा बरसे तो अब उत्तराखंड, अमरनाथ और गुजरात में बादल फटने के मामले सामने आ रहे हैं।
वहीं तेलंगाना में भी बाढ़ के हालात लगातार बने हुए हैं। इसी बीच तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने एक बयान देकर इन प्राकृतिक घटनाओं के पीछे विदेशी ताकतों के होने की ओर इशारा किया है।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में शक जताया गया है कि इन लगातार बादल फटने की घटनाओं का कारण चीन है। ये शक और भी गहरा जाता जब हमें पता चलता है कि चीन पहले भी ऐसे कृत्रिम बारिश करवा चुका है। हालांकि किसी सरकारी रिपोर्ट या एजेंसी ने इन दावों की पुष्टि नहीं की है।
तेलंगाना के कई इलाकों में इन दिनों बाढ़ के हालात बने हुए हैं। गोदावरी इलाका भारी बाढ़ से जूझ रहा है। मुख्यमंत्री चन्द्रशेखर राव बाढ़प्रभावित भद्राचलम पहुंचे तो वहां इस दौरान उन्होंने एक ऐसा बयान दे दिया जिससे पूरे देश में बहस छिड़ गई। चन्द्रशेखर राव ने कहा है कि
'ये एक नई घटना है, जिसे बादल फटना कहते हैं। लोग कहते हैं कि इसमें कुछ साजिश है, हम नहीं जानते कि ये कितना सच है, कहा जाता है कि विदेशी जानबूझकर हमारे देश में कुछ जगहों पर बादल फटने की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। लेह-लद्दाख और उत्तराखंड में भी पहले वे ऐसा कर चुके हैं।'
चन्द्रशेखर राव, मुख्यमंत्री तेलंगाना
देशभर में इस बयान को लेकर बहस छिड़ गई है। देश का एक तबका तो इस खुलकर मजाक उड़ा रहा है तो वहीं दूसरा तबका इस बयान को गंभीर मान कर इस विषय पर चर्चा कर रहा है।
भारत में हो रही बादल फटने की घटनाओं की पीछे चीन के होने को लेकर हो रही ये बहस तार्किक हो जाती है जब हम बीजिंग 2008 के ओलंपिक खेलों कों याद करते है। दरअसल चीन ने बीजिंग में 2008 में हुए ओलंपिक खेलों के दौरान चीन ने वेदर मॉडिफिकेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके जिन शहरों में ओलिंपिक के मैच होने वाले थे, वहां एक दिन पहले ही बारिश करा दी थी।
इससे अगले दिन आसमान साफ हो जाता था और बारिश नहीं होती थी। इस टेक्नोलॉजी की मदद से चीन बीजिंग ओलिंपिक 2008 का आयोजन बिना बारिश की रुकावट के करा पाया था।
बादल फटने की घटनाओं पर नजर डालें तो ज्यादातर घटनाएं असम और उत्तराखंड की है और अगर थोड़ा और गौर करें तो सारी घटनाएं चीन बॉर्डर पर होती हैं। भारत और चीन का कई सालों से सीमा विवाद चल रहा है। साथ ही चीनी सेना समय – समय पर बॉर्डर पर उकसाने वाली कार्रवाई करती रहती है।
ऐसे में ये संदेह और गहराता जा रहा है। बादल फटने की इन घटनाओं के पीछे चीन की साजिश होने की आशंका जताई जा रही है और कहा जा रहा है अप्रत्यक्ष रूप से भारत को बारिश और बाढ़ से नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।
अब समझते हैं कि बादल फटना आखिरकार होता क्या है। एक बहुत छोटे इलाके में बहुत कम समय में बहुत ज्यादा बारिश होने को बादल फटना कहा जाता है। शाब्दिक तौर पर बादल फटने का कोई मतलब नहीं होता ये सिर्फ ऐसा है जैसे पानी से भरी पॉलिथिन फटने के बाद पानी एक साथ गिरना। बहुत तेज बारिश होने को ही हिंदी में बादल फटना और अग्रेजी में CLOUDBURST कहा जाता है।
गणित की भाषा में समझे तो मौसम विभाग के अनुसार 30 वर्ग किलोमीटर के इलाके में एक घंटे या उससे कम समय में 100 mm या उससे ज्यादा बारिश होती है तो उसे बादल फटना कहते हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर 1एमएम बारिश का मतलब क्या है? तो आपको बता दें कि जब एक मीटर लंबे और एक मीटर चौड़े इलाके में 1 लीटर पानी बरसे तो उसे 1 एमएम बारिश कहा जाता है।
जब 1 मीटर लंबे और 1 मीटर चौड़े इलाके में 100 या उससे ज्यादा लीटर पानी बरस जाए तो उसे बादल फटना कहते हैं। सुनने में छोटा सा आंकड़ा लग रहा है लेकिन जब इस 1 वर्ग किमी में बदलेंगे तो 1 वर्ग किलोमीटर इलाके में एक घंटे से कम समय में वहां 10 करोड़ लीटर पानी बरस जाने पर बादल फटने की संज्ञा दी जाएगी। है न भयानक!!!