बाबा रामदेव की बढ़ी मुश्किले: IMA ने दी खुली बहस की चुनौती, कहा- बताएं, किस एलोपैथिक अस्पताल ने कोरोना के इलाज में दी पतंजलि की दवा?

बाबा रामदेव को 1000 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की उत्तराखंड शाखा ने अब खुली बहस को चुनौती दी है। आईएमए ने बाबा रामदेव से उन एलोपैथिक अस्पतालों का नाम बताने को कहा है, जहां कोरोना के इलाज के नाम पर पतंजलि की दवाएं दी गईं हो।
बाबा रामदेव की बढ़ी मुश्किले: IMA ने दी खुली बहस की चुनौती, कहा- बताएं, किस एलोपैथिक अस्पताल ने कोरोना के इलाज में दी पतंजलि की दवा?
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डेस्क न्यूज़- बाबा रामदेव को 1000 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की उत्तराखंड शाखा ने अब खुली बहस को चुनौती दी है। आईएमए ने बाबा रामदेव से उन एलोपैथिक अस्पतालों का नाम बताने को कहा है, जहां कोरोना के इलाज के नाम पर पतंजलि की दवाएं दी गईं हो। रामदेव की बढ़ी मुश्किले ।

IMA ने दी बाबा रामदेव को खुली चुनौती

दरअसल, बाबा रामदेव ने एक टीवी डिबेट में दावा

किया था कि एलोपैथिक अस्पताल भी कोरोना के

इलाज के लिए पतंजलि की दवाओं का इस्तेमाल कर

रहे हैं। अब आईएमए ने इसे चुनौती देते हुए कहा है

कि बाबा रामदेव इस दावे को खुले मंच पर साबित करें और पूरे विवाद पर आईएमए से बहस करें।

इससे पहले बाबा रामदेव ने कहा था कि वह आईएमए से 25 सवालों के जवाब चाहते हैं।

रामदेव ने इसके लिए आईएमए को एक खुला पत्र भी लिखा था।

IMA 25 सवालों के जवाब देने के लिए तैयार

बाबा रामदेव द्वारा भेजे गए एक पत्र का जवाब देते हुए आईएमए ने कहा है कि वह अपने पैनल के साथ इन 25 सवालों के जवाब देने के लिए भी तैयार है। आईएमए ने बाबा रामदेव से खुली बहस के लिए एक साझा मंच पर उनके सामने आने की चुनौती दी हैं।

15 दिनों में अपने बयान पर लिखित माफी मांगे रामदेव

इससे पहले 26 मई को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) उत्तराखंड ने रामदेव को 1000 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा था। नोटिस में रामदेव को वीडियो का खंडन करने और अगले 15 दिनों में अपने बयान पर लिखित माफी मांगने को कहा गया है।

72 घंटे में कोरोनिल के भ्रामक विज्ञापन हटाने की मांग

नोटिस में कहा गया है कि अगर रामदेव 15 दिनों के भीतर खंडन वाला वीडियो और लिखित माफी नहीं मांगते हैं, तो उनसे 1000 करोड़ रुपये मांगे जाएंगे। इसके अलावा रामदेव को 72 घंटे के भीतर कोरोनिल किट के भ्रामक विज्ञापन को उन सभी जगहों से हटाने को कहा गया है जहां यह दावा किया जाता है कि कोरोनिल कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट के खिलाफ प्रभावी है।

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