कर्नाटक में हिजाब को लेकर बवाल अभी भी जारी है। मामले पर हाईकोर्ट की ओर से ड्रेस कोड के पालन करने का अंतरिम आदेश भी जारी हो चूका है। बावजूद इसके कई जगहों पर छात्राएं हिजाब और बुर्का पहनकर पहुंचीं। कर्नाटक के शिवमोग्गा के एक कॉलेज में हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक 30 छात्राओं को हिजाब उतारने को कहा गया। लेकिन छात्राओं ने कॉलेज के आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया और अपनी कक्षाओं से बाहर चले गए। कथित तौर पर उन्हें प्रथम श्रेणी में हिजाब पहनने की अनुमति दी गई थी।
वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने छात्रों से आग्रह किया कि, ''आज फिर से कॉलेज खुल रहे हैं। मैं अनुरोध करता हूं कि अदालत के आदेश का सम्मान किया जाए। हम अंतिम आदेश का इंतजार कर रहे हैं। कॉलेज के अंदर प्रबंधन, शिक्षक और छात्र मतभेदों को सुलझाना चाहिए। सभी मुद्दों का समाधान किया जाएगा। बच्चों के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है। एक अच्छा वातावरण बनाया जाना चाहिए।"
इससे पहले मंगलवार को शिवमोग्गा के सरकारी हाई स्कूल की 13 छात्राओं ने एसएसएलसी प्रारंभिक परीक्षा में बैठने से इनकार कर दिया था क्योंकि शिक्षिका ने हिजाब हटाने की मांग की थी। शिक्षिका ने छात्राओं से हिजाब उतारने को कहा था लेकिन छात्राओं ने हिजाब पहनकर परीक्षा में बैठने की मांग की। इस पर एक छात्रा आलिया महत ने कहा, "मेरे लिए परीक्षा नहीं, धर्म महत्वपूर्ण हैं। अगर हिजाब की अनुमति नहीं है, तो मैं स्कूल नहीं आऊंगी। मेरे माता-पिता ने मुझसे कहा है कि अगर हिजाब उतारने के लिए कहा जाए, तो वापस घर आ जाए।
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