देशभर में हो रही ईडी की कार्रवाई ने इस समय हलचल मचा रखी है। ईडी लगातार एक के बाद एक बड़ी कार्रवाईयों को अंजाम दे रही है। इन कार्रवाईयों में कई बड़े खुलासे सामने आ रहे हैं साथ ही देश भर में छुपे काले धन को लेकर भी बड़े खुलासे हो रहे हैं।
ईडी ने दो कार्रवाई में ही लगभग 100 करोड़ रूपए कालाधन जब्त किया है। पश्चिम बंगाल में जहां ईडी की एक टीम पार्थ- अर्पिता पर शिकंजा कस रही है तो वहीं झारखण्ड में एक इससे भी बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है।
ईडी ने पश्चिम बंगाल के शिक्षा भर्ती घोटाले में जांच करते हुए अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों पर रेड की तो लगभग 50 करोड़ रूपए कैश बरामद किया।
इधर झारखंड में टेंडर विवाद में ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 30 करोड़ के जहाज के साथ 45 करोड़(अनुमानित) का पत्थर और लगभग 15 करोड़ रूपए नगद बरामद किए हैं।
इस तरह देखा जाए तो ईडी ने दो अलग अलग मामलों में लगभग 100 रूपए का कालाधन बरामद किया है। गौरतलब है कि दोनों ही मामलों मे राज्यों की सरकारें घिरती नजर आ रहीं हैं।
पश्चिम बंगाल का शिक्षा भर्ती घोटाला लगभग एक हफ्ते से देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। ईडी ने इस मामले में बुधवार यानि 27 जुलाई को जब दोबारा पार्थ की सहयोगी अर्पिता के दूसरे ठिकानों पर छापा मारा तो ईडी के अवसर भी अवाक् रह गए।
अर्पिता के दूसरे फ्लैट से ईडी के अफसरों ने 27.9 करोड़ रूपए और बरामद किए हैं। इसके अलावा 4.31 करोड़ का सोना बरामद किया गया है। इसमें 1-1 किलो की 3 सोने की ईंटें, आधा आधा किलो के 6 सोने के कंगन और अन्य ज्वेलरी शामिल है।
इतना ही नहीं इस ठिकाने से एक सोने का पैन भी मिला है। इतना ही नहीं अर्पिता के ठिकाने से 20 मोबाइल और 60 लाख की विदेशी मुद्रा भी बरामद की गई है।
ये अर्पिता तो सच में कैश कन्या निकली। फिलहाल ईडी ने अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार कर लिया है। अगर दोनों दिन की कार्रवाई के दौरान कैश मिला लिया जाए तो यह करीब 50 करोड़ (48.9 करोड़) रुपए हो जाता है।
इधर एक दूसरे मामले में ईडी ने झारखंड में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। ईडी पिछले तीन दिन से इस मामले में बड़ी कार्रवाई कर रही है।
जांच में ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी पंकज मिश्रा को गिरफ्तार किया जो कि फिलहाल रिमांड में हैं।
पंकज मिश्रा से हुई पूछताछ के आधार ईडी ने अवैध तरीके से संचालित हो रहे पानी के जहाज को जब्त किया है। जिसकी कीमत 30 करोड़ रूपए बताई जा रही है।
इसके अलावा सामने आया है कि पंकज मिश्रा और उसके सहयोगियों ने 37.5 लाख क्यूबिक फीट पत्थर का खनन कर लिया है जिसकी कीमत 45 करोड़ रूपए है।
वहीं बता दें कि पंकज मिश्रा और उसके साथियों के 21 ठिकानों पर की गई छापेमारी में ईडी ने 5.34 करोड़ रूपए की नगदी बरामद की है।
लगातार ईडी की कार्रवाई से विपक्ष तिलमिलाया हुआ है। ईडी की कार्रवाई के विरोध में विपक्ष सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था जहां विपक्ष को मुंह की खानी पड़ी और सर्वोच्च न्यायालय ने ईडी की शक्तियों को बरकरार रखा।
विपक्ष का कहना था कि PMLA के तहत ईडी द्वारा गिरफ्तारी और संपत्ति जब्त करना असंवैधानिक है।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर ईडी की शक्तियों को बरकरार रखा और विपक्ष को कानूनी तौर पर हार का सामना करना पड़ा।