Sanatan Controversy: 2 सितंबर को चेन्नई में उदयनिधि स्टालिन ने एक कार्यक्रम में सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही थी। उदयनिधि स्टालिन अभी भी अपने बयान पर कायम हैं।
उदयनिधि स्टालिन ने मीडिया से बातचीत में कहाki - मै हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि जातिगत भेदभाव जैसी सनातन प्रथाओं के खिलाफ बोलता रहूंगा। उन्होंने कहा राष्ट्रपति मुर्मू को संसद के उद्घाटन पर इनवाइट नहीं करना इसका ताजा उदाहरण सभी के सामने है।
स्टालिन के बयान पर अब दिल्ली के बाद UP में भी FIR दर्ज हो गई है। वहीं बुधवार को कर्नाटक के BJP नेता नागराज नायक ने पुलिस में उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
वहीं अब कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने हिंदू धर्म की उत्पत्ति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा, 'हिंदू धर्म का जन्म कब हुआ, इसे किसने बनाया है? इसके बारे में किस-किस को पता है। बौद्ध और जैन धर्म का जन्म यहीं हुआ।इस्लाम धर्म बाहर से आया, लेकिन हिंदू धर्म किसने बनाया!
BJP ने भी जी परमेश्वर के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, अगर उन्हें हिंदू धर्म पसंद नहीं तो उसे छोड़ दें, उनको दूसरा धर्म अपना लेना चाहिये, किसने रोका है, लेकिन उन्हें हमारे हिंदू धर्म का अपमान नहीं करना चाहिए। अगर हिम्मत है तो किसी अन्य धर्म के बारे में बोलकर देखें।
उदयनिधि के सनातन पर दिए अपने बयान पर माफी मांगने वाले के सवाल पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा - 2 सितंबर को मैंने एक समारोह में सनातन धर्म के बारे में बात की थी जिसमें मैंने जो भी कहा, वही बात मैं बार-बार दोहराऊंगा। मैंने हिंदुओं को नहीं, बल्कि सभी धर्मों को इसमें शामिल किया था। मैंने उस समय जातिगत मतभेदों की निंदा की थी और करता रहुँगा।'
262 शख्सियतों ने सुप्रीम कोर्ट को उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ चिट्ठी लिखी है। सुप्रीम कोर्ट से इन शख्सियतों ने खुद दखल देने की मांग की है। इनमें 130 ब्यूरोक्रेट्स, 14 जज और सेना के 118 रिटायर्ड अफसर शामिल हैं। इन्होंने तमिलनाडु सरकार के खिलाफ भी स्टालिन पर कोई एक्शन ना लेने के लिए कार्रवाई करने की मांग रखी है।