ज्ञानवापी मस्जिद वि​वाद: SC ने वाराणसी कोर्ट का फैसला पलटा, कहा- नमाज नहीं रुकेगी, सर्वे टीम से अजय कुमार मिश्रा भी बर्खास्त

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि मस्जिद में नमाज नही रोकी जाए‚ वहीं ये भी कहा कि जिस जगह से शिवलिंग मिला है उस जगह की सुरक्षा की जाए। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार 17 मई को सुनवाई करते हुए वाराणसी अदालत के उस फैसले को खारिज कर दिया है जिसमें अदालत ने मस्जिद की खास जगह को सील करने को और लोगों को प्रवेश पर रोक लगाने का आदेश दिया था।
ज्ञानवापी मस्जिद वि​वाद: SC ने वाराणसी कोर्ट का फैसला पलटा, कहा- नमाज नहीं रुकेगी, सर्वे टीम से अजय कुमार मिश्रा भी बर्खास्त
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ज्ञानवापी मस्जिद मामले ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने नमाज न रोकने का आदेश दिया है और साथ ही उस जगह की सुरक्षा करने को कहा है जहां से शिवलिंग मिला था। मस्जिद में सर्वे तो पूरा हो चुका है लेकिन सर्वे पूरा होते ही कोर्ट ने सर्वे के कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार को बर्खास्त कर दिया और विशाल सिंह को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया।

वहीं अब इस नियुक्ति को लेकर आरोप प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो गई है। वहीं मस्जिद के बाकी हिस्सों के सर्वे और कथित शिवलिंग के चारों तरफ से दीवार हटाने की मांग वाली याचिका पर आज सुनवाई होनी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा नमाज नहीं रोकी जाए

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सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि मस्जिद में नमाज नही रोकी जाए‚ वहीं ये भी कहा कि जिस जगह से शिवलिंग मिला है उस जगह की सुरक्षा की जाए। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार 17 मई को सुनवाई करते हुए वाराणसी अदालत के उस फैसले को खारिज कर दिया है जिसमें अदालत ने मस्जिद की खास जगह को सील करने को और लोगों को प्रवेश पर रोक लगाने का आदेश दिया था। लेकिन आंशिक रूप से निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है जिसके अनुसार शिवलिंग वाली जगह पर सुरक्षा करने का आदेश दिया है।

सर्वे के कोर्ट कमिश्नर को हटा नया कमिश्नर नियुक्त किया

कोर्ट ने सर्वे को लीड करने वाले कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को बर्खास्त कर दिया है और विशाल सिंह को नया कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया है। अब इस नियुक्ति को लेकर दोनों कमिश्नर में आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं। अजय कुमार मिश्रा ने बयान दिया है उन्हें नहीं पता था कि विशाल सिंह उन्हें धोखा दे रहे हैं। उन्हीं की शिकायत पर मुझे हटाया गया है।

कमिश्नर सवालों का जवाब देते हुए भावुक हो गए और कहा कि हमने 16 मई को रात 12 बजे तक सर्वे की रिपोर्ट बनाई थी, मुझे नही पता था कि विशाल और मेरा विडियोग्राफर मुझे धोखा दे रहा है।

गौरतलब रहे कि विशाल सिंह ने कोर्ट में याचिका दायर की थी कि अजय कुमार मिश्रा सर्वे में रूचि नही ले रहे हैं जिसपर कार्रवाई करते हुए कोर्ट ने अजय को बर्खास्त कर दिया। वहीं इस आरोप को लेकर विशाल सिंह ने कहा है कि अजय की कोई गलती नहीं है, मेरे भाई जैसे हैं, मैं उनको समझा दूंगा।

बाकी हिस्सों के सर्वे की सुनवाई आज नहीं

वाराणसी कोर्ट में मस्जिद के बाकी हिस्सों के सर्वे और कथित शिवलिंग के चारों ओर दीवार हटाने को लेकर याचिका दायर की गई थी। जिसपर आज सुनवाई होनी है, लेकिन माना जा रहा है कि वकीलों की हड़ताल के चलते शायद आज सुनवाई टल जाए।

वकीलों की मांग – विशेष सचिव चिट्ठी वापस लें

वाराणसी कोर्ट में ज्ञानवापी परिसर को लेकर होने वाली सुनवाई से पहले ही वकीलों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। वकीलों का कहना है कि विशेष सचिव प्रफुल्ल कमल ने राज्य के सभी डीएम को एक पत्र भेजा है। पत्र में जिस तरह से लिखा गया है उस से लगता है कि उनकी मंशा वकीलों को अराजक संबोधित करने की है। वकीलों ने विशेष सचिव के पत्र को जलाकर अपना विरोध जताया है और साथ ही मांग की है कि विशेष सचिव अपना पत्र वापस लें। वकीलों ने चेतावनी भी दी है कि अगर विशेष सचिव अपना पत्र वापस नहीं लेते हैं तो वो 20 मई को प्रदेश के सभी जिलों में प्रदर्शन किया जाएगा।

आज दो एप्लीकेशन पर होनी है सुनवाई

वाराणसी कोर्ट में आज दो एप्लीकेशन पर सुनवाई होनी है जिनमें से पहला एप्लीकेशन यूपी सरकार यानि डीजीसी सिविल महेंद्र प्रसाद पांडेय का है तो वहीं दूसरा प्रार्थना पत्र हिंदू पक्ष यानि मां शृंगार गौरी मामले की वादिनी सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक का है। दोनों एप्लीकेशन में कुल 7 बिंदुओं पर मांगे रखी गई हैं।

क्या हैं दो एप्लीकेशन में 7 बिंदुओं की मांग

पहली एप्लीकेशन यूपी सरकार की ओर से वाराणसी कोर्ट में दाखिल की गई थी। जिसमें 3 मांगे रखी गई थी।

1.जिस मानव निर्मित तालाब को सर्वे के दौरान सीज किया गया है उस जगह नल लगे हुए जिनका इस्तेमाल नमाजी नमाज से पहले वजू के लिए करते हैं। सीज की वजह से वो वहां वजू नहीं कर पा रहे है तो उनके वजू करने के लिए बाहर इंतजाम किया जाए।

2.सील हुए परिसर में शौचालय की है। जिसका उपयोग नमाजी करते हैं। सील होने की वजह से उन्हें वहा जाने नही दिया जा रहा है। नमाजियों के लिए शौच की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।

3.सीले किए गए तालाब में मछलियां भी हैं जिन्हें अब खाने पीने के लिए कुछ नही मिल रहा है तो उनको निकाल कर कहीं और डाला जाए।

दूसरी एप्लीकेश हिंदू पक्ष यानि मां शृंगार गौरी मामले की वादिनी सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से दाखिल की गई थी। जिसमें कुल 4 मांगे रखी गई हैं।

1.पहली मांग है ज्ञानवापी में जहां शिवलिंग मिला है, वहां और उसके आस-पास किसी को वजू नहीं करने दिया जाए।

2.दूसरी मांग है शिवलिंग के पूर्व और उत्तर दिशा की दीवार के साथ ही नंदी के उत्तर दिशा की दीवार तोड़ कर मलबा हटाया जाए।

3.तीसरी मांग है शिवलिंग की लंबाई-चौड़ाई और ऊंचाई का पता लगाने के लिए कमीशन की कार्रवाई हो।

4.चौथी मांग है बैरिकेडिंग के अंदर पश्चिम दिशा की दीवार को तोड़ कर मंडपम् की भी वीडियोग्राफी करवाई जाए। माना जा रहा है कि इन दोनों एप्लीकेशन पर शाम तक कोर्ट का फैसला आ सकता है। वहीं सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी मामले को लेकर 19 मई को सुनवाई होनी है।

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