प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कर्नाटक के बेंगलुरु में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में भारत को लेकर अपना विजन बताया। उन्होंने कहा, ' भारत 25 साल में यानी साल 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनकर उभरेगा।' यहां गौर करने वाली बात यह है कि आतंकी गतिविधियां चलाने वाले संगठन PFI ने भी कभी भारत को गजवा-ए-हिंद बनाने का सपना देख अपना टारगेट साल 2047 ही तय किया था। इसे कहते हैं जैसी नीयत वैसी सोच।
अब इसे संयोग कहें या कट्टरवादी ताकतों के मुंह पर तमाचा, क्योंकि जो PFI भारत को साल 2047 तक मुस्लिम राष्ट्र बनने का सपना देख उस पर काम कर रही थी, भाजपा शासित केंद्र सरकार ने उसे बैन और संगठन से जुड़े लोगों की गिरफ्तारियां कर उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया गया। अब पीएम मोदी ने भी भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अपना विजन साल 2047 बताया है।
अब बात पीएम मोदी की है तो यह सभी जानते हैं कि उनके हाथ में जब से देश की बागडोर आई है, उन्होंने जो कहा वह करके दिखाया है। चाहे वह अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का मामला हो या J&K से अनुच्छेद-370 और 35ए हटाने की बात। चाहे तीन तलाक के विरुद्ध कानून लाने की बात हो या फिर CAA कानून। अपने कार्यकाल में पीएम मोदी अब तक 8 बड़े फैसले ले चुके हैं जो न सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनियां की सुर्खियां रहे। ऐसे में उनकी नीयत पर शक नहीं किया जा सकता। वे जो कहते हैं करते भी हैं।
1. नोटबंदी - मोदी सरकार के पहले कार्यकाल (Modi 1.o) की शुरुआत मई 2014 में हुई. जिसका सबसे बड़ा फैसला 8 नवंबर 2016 को लिया गया. तब केंद्र की सरकार ने 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने यानी डीमोनेटाइजेशन का ऐलान किया. ये फैसला देश में काले धन और नकली नोटों पर लगाम लगाने जैसे उद्धेश्यों से किया गया था.
2. जीएसटी - केंद्र के इस फैसले की गिनती भी मोदी सरकार के सबसे बड़े फैसलों में होती है. GST को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के नाम से जाना जाता है. ये वो अप्रत्यक्ष टैक्स है जिसने भारत में कई अप्रत्यक्ष करों जैसे उत्पाद शुल्क, वैट, सेवा कर को रिप्लेस कर दिया. ये फैसला 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ था. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है.
3. सर्जिकल स्ट्राइक - दुश्मन को घर में घुसकर मारने वाले मोदी सरकार के इस फैसले ने पूरी दुनिया की सुर्खियां बंटोरी थी. वो तारीख थी 29 सितंबर 2016 की जब भारत ने ऐलान किया था कि उसने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में नियंत्रण रेखा (LoC) के पार आतंकवादी लॉन्च पैड को निशाना बनाकर सर्जिकल स्ट्राइक की और बड़े पैमाने पर आतंकियों का सफाया कर दिया.
4. तीन तलाक - मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल (Modi Govt. 2.o) की शुरुआत 26 मई 2019 को हुई. 2019 में और प्रचंड बहुमत से सत्ता में आने के बाद पीएम मोदी ने ताबड़तोड़ कई बड़े फैसले लिए. जिसमें तीन तलाक को गैरकानूनी बनाने के फैसला शामिल था। तीन तलाक कानून को मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 भी कहा जाता है. इसे 1 अगस्त, 2019 को पारित किया गया. राज्य सभा में बहुमत न होने के बावजूद इसका पास होना बहुत बड़ी उपलब्धि माना गया था. इस फैसले को सियासी पंडितों ने पीएम मोदी का मास्टर स्ट्रोक कहा था.
5. धारा 370 और 35A - मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर के लिए खास तौर से बनाई गई धारा 370 तथा अनुच्छेद 35-ए के प्रावधानों को निरस्त कर दिया. अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर को विशेष अधिकार प्राप्त थे. वहां देश के कई कानून नहीं लागू होते थे। सरकार ने इस अनुच्छेद को हटाते हुए उसे केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया. इसी दौरान लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश के रूप में मान्यता दी गई. केंद्र सरकार कह चुकी है कि J&K से धारा 370 हटाने के बाद वहां 890 केंद्रीय कानून लागू हो चुके हैं.
6. CAA कानून- मोदी सरकार द्वारा लिए गए फैसले में सीएए कानून लाने को लेकर लंबा विवाद चला इसे रोकने के लिए धरने, प्रदर्शन जैसी कई गतिविधियों को अंजाम दिया गया. नागरिकता (संशोधन) कानून बिल के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए 6 समुदायों (हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध तथा पारसी) के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी गई.
7. बोडो शांति समझौता - देश के पूर्वोत्तर हिस्से में शांति बनाए रखने के साथ वहां पर विकास की गंगा बहाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने कई फैसले लिए हैं. इन्हीं फैसलों में से एक बोडो शांति समझौता रहा है. गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में अधिकतर उग्रवादी संगठनों से शांति समझौता किया है. जिसके तहत अब तक 9,000 उग्रवादी सरेंडर कर चुके हैं. आपको बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने जनवरी 2020 में बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये थे.
8. नेशनल मेडिकल कमीशन बिल - इस बिल को देश में चिकित्सा शिक्षा के लिए एक बड़ा सुधार माना जाता है. केंद्र सरकार 1956 में बने एमसीआई एक्ट की जगह एनएमसी बिल को लाई थी. एनएमसी बिल 2019 में 1956 में बनाए गए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को समाप्त करने का प्रावधान था. इसके प्रावधान में कहा गया था कि इसके 25 सदस्यों में से 11 राज्य से होंगे. जिनमें 21 सदस्य डॉक्टर होंगे, जो डॉक्टरों की न्यूनतम योग्यता तय करेंगे. NMC की स्थापना चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने के लिए एक सरकारी कदम था।
भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की साजिश के लिए PFI ने सात पन्नों का एक्शन प्लान तैयार किया था, जिसमें लिखा था कि अगर 10 फीसदी मुसलमान समर्थन करते हैं तो बहुसंख्यक उनके घुटनों पर आ जाएगा।
इस संगठन का गठन सिमी के पूर्व सदस्यों की मदद से किया जा रहा था। इसमें पीएफआई और एसडीपीआई से जुड़े लोग शामिल थे। यह नेटवर्क भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के 'मिशन 2047' के एजेंडे पर काम कर रहा था। इसके लिए नेटवर्क ने पटना को अपना आधार बनाया। यहां 26 लोग आकर युवाओं को ट्रेनिंग देते थे। इन संदिग्ध आतंकियों के पास से अंग्रेजी में लिखे हुए 7 पन्नों के दस्तावेज मिले, जिसमें कई जगहों पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का जिक्र था।
वर्ष 2009 में स्थापित, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया (SDPI) मजहबी कट्टरपंथी संगठन, पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) का राजनीतिक संगठन है। PFI का नाम 2006 के मुंबई ब्लास्ट और 2008 के अहमदाबाद ब्लास्ट में सामने आया था। सीएए के विरोध और हिजाब विवाद में पीएफआई और इसकी छात्र शाखा सीएफआई की सक्रिय भागीदारी देखी गई।