अन्ना हजारे के सहारे राजनीतिक क्रांति का झंडा लेकर राजनीति में प्रवेश करने वाले आप प्रमुख व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने बंगले के सौदर्यीकरण करने के लिए 44 करोड़ 78 लाख रुपये खर्च कर दिए।
हालांकि यह भ्रष्टाचार नहीं बल्कि नैतिकता पर सवाल खड़े करता है। ये वही केजरीवाल है, जिन्होंने राम लीला मैदान से सरकारी आवास व सुविधाएं लेने से इनकार किया था।
मीडिया के मुताबिक, सीएम आवास में 8-8 लाख रूपये तक के एक- एक पर्दे लगाये गये है। सीएम आवास में लगे पर्दों पर कुल एक करोड़ रुपए खर्च हुए। कुल 23 पर्दों का ऑर्डर दिया, जिनमें कुछ लगे और कुछ लगने बाकी हैं।
शुरुआत में (2021-22 में) आठ पर्दे लगवाए गए जिन पर 45 लाख खर्च हुए, जबकि दूसरे चरण में 15 पर्दे का ऑर्डर दिया गया और इसकी कीमत लगभग 51 लाख रुपए थी।
देश में कोरोना के भेष में आयी वैश्विक महामारी में पूरी दुनिया थम गयी थी लेकिन दिल्ली के सीएम केजरीवाल के घर का रेनोवेशन का काम जोरो-शोरे से चल रहा था।
दूसरी ओर, जिस समय केजरीवास के निवास स्थान सीएम आवास के सौदर्यीकरण का काम चालू था उधर परेशान प्रवासी मजदूर दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए थे। जिसे लेकर केजरीवाल केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे थे।
केजरीवाल ने जिनके कंधे पर बंदूक रखकर रामलीला मैदान से अपनी पाक-साफ छवि दिखाते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ बिगुल फूंका था वही, समाजसेवी अन्ना हजारे से जब इस ऑपरेशन को लेकर सवाल हुआ तो उन्होंने टाइम्स नाऊ नवभारत को बताया कि वह अरविंद पर कुछ नहीं कहना चाहते हैं। रिपोर्टर ने दोबारा सवाल दागा और उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तब उन्होंने हाथ हिलाकर (न का इशारा करते हुए) मना कर दिया।
केजरीवाल के सरकारी आवास में जो मार्बल लगा है, वह वियतनाम से मंगाया गया था। सुपीरियर क्लास के डियोर पर्ल मार्बल की कीमत एक करोड़ 15 लाख रुपए है, जिसकी फिटिंग भी अलग तरीके से कराई जाती है।
ट्विटर पर लगातार ऑपरेशन शीश महल ट्रेंड कर रहा है। प्वॉइंटर्स के माध्यम से समझें किन चीजों पर कितनी रकम हुई खर्च?
23 पर्दों का ऑर्डर - एक करोड़ से अधिक
वियतनाम का डियोर मार्बल - करीब तीन करोड़
वॉर्डरोब (अलमारी) - लगभग 40 लाख
इंटीरियर डेकोरेशन 11.30 करोड़ रुपए
सुपीरियर कंसल्टेंसी - एक करोड़
दीवार की साज-सज्जा - चार करोड़ से अधिक
घरों के खंभे - 21 लाख से अधिक
रसोई (दो किचन) - 63 लाख 75 हजार (पहला ग्राउंड पर 31 लाख रुपए से अधिक का, दूसरा- पहले माले पर 32 लाख खर्च)
छह कालीनें (हाथ से बुने Wool के कार्पेट्स) बिछाई गईं - लगभग 20 लाख रुपए