
Wrestlers vs WFI: भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और पहलवानों के बीच शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। खेल मंत्रालय ने इस मामले की जांच के लिए जो निगरानी समिति का गठन किया था, उस पर आंदोलनकारी खिलाड़ियों ने अब प्रश्न उठा दिए हैं। पहलवानों का कहना है कि कमेटी के गठन से पहले उनकी राय नहीं ली गई। इसके साथ ही उन्होंने इस कमेटी को भंग करने की अपील की है।
निगरानी समिति गठित कर खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कहा था कि यह समिति आरोपों की जांच कर एक महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। लेकिन खिलाड़ियों ने इस कमेटी का विरोध किया है। विरोध जताते हुए पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने ट्वीट किए हैं। उन्होंने कहा कि हमें आश्वासन दिया गया था कि निगरानी समिति (Oversight Committee) के गठन से पहले हमसे परामर्श किया जाएगा। लेकिन बड़े दुख की बात है कि इस कमेटी के गठन से पहले हमसे राय तक नहीं ली गई।
ट्वीट में इन पहलवानों ने लिखा कि 'हमें आश्वासन दिया गया था कि ओवरसाइट कमेटी के गठन से पहले हमसे सलाह ली जाएगी, लेकिन बड़े दुख की बात है कि इस समिति के गठन से पहले हमसे सलाह तक नहीं ली गई।' इस ट्वीट में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर को टैग भी किया है।
वहीं, खेल मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि ओवरसाइट कमेटी में 5 में से 3 नाम इन विरोध करने वाले पहलवानों द्वारा सुझाए गए थे, लेकिन अब उनका दावा है कि उनसे सलाह नहीं ली गई।
गौरतलब है कि जो ओवरसाइट समिति बनी है उसकी प्रमुख विश्व चैंपियन मुक्केबाज मैरी कॉम होंगी। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस समिति के गठन के बाद कहा था कि WFI के अध्यक्ष अपने पद पर काम नहीं करेंगे। हम विश्व चैंपियन मैरी कॉम की अध्यक्षता में ओवरसाइट कमेटी बना रहे हैं। ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त, द्रोणाचार्य पुरस्कृत तृप्ति मुरगुंडे, TOPS CEO राजगोपालन, राधा श्रीमन इसके सदस्य होंगे।
भारत के 30 से ज्यादा पहलवानों ने बुधवार के दिन दिल्ली के जंतर-मंतर में भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना शुरू किया था और उन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि, बृजभूषण ने इस आरोपों को सिरे से खारिज किया और पहलवानों पर आरोप लगा दिए। बृजभूषण के आरोपों का पहलवानों पर कोई असर नहीं पड़ा और प्रदर्शन जारी रहा।
इस बीच खेल मंत्रालय और कुश्ती संघ ने बातचीत के जरिए मामला सुलझाने की कोशिश की, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रहीं। पहलवान अपनी मांग पर अड़े रहे। अंत में पहलवानों के सामने बृजभूषण के दांव पेंच कमजोर पड़ गए और उन्हें कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से अस्थायी रूप से हटा दिया गया।
बुधवार सुबह शुरू हुआ प्रदर्शन तीन दिन तक चला शुक्रवार रात पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ बात की और बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से अस्थायी रूप से हटा दिया गया और उनके ऊपर लगे आरोपों की जांच के लिए समिति बना दी गई।
खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ के सहायक सचिव विनोद तोमर (Vinod Tomar) को 21 जनवरी को सस्पेंड कर दिया। विनोद तोमर ने उसी दिन सुबह में में कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के पक्ष में बयान दिया था। विनोद तोमर का मानना है कि बृजभूषण शरण सिंह ने कोई गलती नहीं की है। उन्होंने कहा था, ''आरोप निराधार हैं। ऐसा कुछ नहीं है। तीन-चार दिन हो गए हैं और उन्होंने अभी तक कोई सबूत पेश नहीं किया है। मैं पिछले 12 सालों से उनके साथ जुड़ा हुआ हूं और मैंने ऐसा कुछ नहीं देखा।''