आम जनता को छोटी-छोटी बचत के लिए प्रोत्साहित करने और उनके खाते में सरकारी योजनाओं का सीधे पैसा भेजने के लिए प्रधानमंत्री जन धन योजना को शुरू हुए सात साल पूरे हो गए। प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खुले कुल 43.04 करोड़ से अधिक लाभार्थियों के बैंक खातों में अब तक सरकार 146,231 करोड़ रुपये भेज चुकी है। यह पैसा सीधे लाभार्थियों तक पहुंचा है। आंकड़ों के आधार पर सरकार का कहना है कि प्रधानमंत्री जन धन योजना से सीधे खाते में पैसा पहुंचने से सिस्टम में सेंधमारी पर अंकुश लगा है।
लीकेज कम होने से पूरा पैसा लाभार्थियों की जेब में पहुंच रहा है। सरकारी योजनाओं में बिचौलियों की भूमिका कम हुई है। प्रधानमंत्री जन-धन योजना की बात करें तो मार्च 2015 में खातों की संख्या 14.72 करोड़ से तीन गुना बढ़कर 18 अगस्त 2021तक 43.04 करोड़ हो गई है। इसमें 55 प्रतिशत जन-धन खाताधारक महिलाएं हैं और 67 प्रतिशत जन-धन खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में हैं। कुल 43.04 करोड़ खातों में से, 36.86 करोड़ यानी 86 प्रतिशत खाते चालू हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए गए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) की घोषणा की थी। 28 अगस्त 2015 को इस योजना की शुरूआत के बाद से अबतक इसके तहत कुल 43.04 करोड़ से अधिक लाभार्थियों के बैंक खातों में 146,231 करोड़ रुपये भेजे गए। खाताधारकों को 31.23 करोड़ रुपे कार्ड भी जारी हुए। 10 करोड़ किसानों के खाते में इन खातों के माध्यम से 1.05 लाख करोड़ रुपये की धनराशि भेजी गई।
खास बात है कि लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत कोविड लॉकडाउन के दौरान महिला पीएमजेडीवाई खाताधारकों के खातों में कुल 30,945 करोड़ रुपये जमा किए गए लगभग 5.1 करोड़ पीएमजेडीवाई खाताधारक विभिन्न योजनाओं के तहत सरकार से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) प्राप्त करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को योजना के सात साल पूरे होने पर अपने संदेश में कहा, मैं उन सभी के अथक प्रयासों की सराहना करना चाहता हूं जिन्होंने प्रधानमंत्री जन धन योजना को सफल बनाने के लिए काम किया है। उनके प्रयासों ने सुनिश्चित किया है कि भारत के लोग जीवन की बेहतर गुणवत्ता का नेतृत्व करें।