कोरोना प्रकोप : एएमयू में 26 प्रोफेसरों की कोरोना से मौत

एकत्र किए गए इन सैंपल को को जांच के लिए दिल्ली में सीएसआईआर इंस्टीट्यूट ऑफ जिनॉमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायॉलजी भेजा गया है
कोरोना प्रकोप : एएमयू में 26 प्रोफेसरों की कोरोना से मौत

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में केवल 20 दिनों के भीतर 44 व्यक्तियों की कोरोना से मौत हो चुकी है।

इनमें 26 प्रोफेसर्स भी शामिल हैं।

कोरोना के कारण मरने वाले इन प्रोफेसर्स में 16 वर्किं ग और 10 रिटायर्ड फैकल्टी है।

विश्वविद्यालय ने संदेह जताया है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कोरोना का कोई नया वेरिएंट हो सकता है।

विश्वविद्यालय के कुलपति ने यहां से लिए गए सैंपल की जांच के लिए आईसीएमआर से आग्रह किया है।

सीएसआईआर इंस्टीट्यूट ऑफ जिनॉमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायॉलजी भेजा गया है।

एएमयू के कुलपति तारिक मंसूर के भाई की भी कोरोना से मौत हो चुकी है। कुलपति तारिक मंसूर ने विश्वविद्यालय में कोरोना के नए वैरिएंट की आशंका जताई है। कुलपति की मांग पर विश्वविद्यालय से कोरोना के सैंपल एकत्र किए गए हैं। एकत्र किए गए इन सैंपल को को जांच के लिए दिल्ली में सीएसआईआर इंस्टीट्यूट ऑफ जिनॉमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायॉलजी भेजा गया है।

प्रमाणित लैब ने यह सैंपल इकट्ठा किए हैं।     

वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने आईसीएमआर को नमूनों की जांच के लिए एक पत्र भेजा है। आईसीएमआर की ओर से इस पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। गौरतलब है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी परिसर से विश्वविद्यालय की ही आईसीएमआर प्रमाणित लैब ने यह सैंपल इकट्ठा किए हैं।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के ने आईसीएमआर को लिखे पत्र कहा है कि जितनी जल्दी हो सके, कोविड सैंपल्स की जीनोम स्टडी कराई जाए। इस स्टडी से यह पता चल सके कि क्या यूनिवर्सिटी में कोविड का कोई नया वैरिएंट विकसित हुआ है।

अब तक इन प्रोफेसरों की हुई मौत

– एएमयू के लॉ फैकल्टी के डीन प्रो. शकील समदानी
– पूर्व प्राक्टर प्रो. जमशेद, सिद्ददीकी
– सुन्नी थियोलोजी डिपार्टमेंट के प्रो. एहसानउल्लाह फहद
– उर्दू विभाग के प्रो. मौलाना बख्श अंसारी
– पोस्ट हार्वेस्टिंग इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रो. मो. अली खान
– राजनीतिक विज्ञान विभाग के प्रो. काजी,मोहम्‍मद जमशेद
– मोलीजात विभाग के चेयरमैन प्रो. मो. यूनुस सिद्ददीकी
– इलमुल अदविया विभाग के चेयरमैन गुफराम अहमद
– मनोविज्ञान विभाग के चेयरमैन प्रो. साजिद अली खान
– म्यूजियोलोजी विभाग के चेयरमैन डॉ. मोहम्मद इरफान
– सेंटर फोर वीमेंस स्टडीज के डॉ. अजीज फैसल
– यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक के मोहम्मद सैयदुज्जमान
– इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर जिबरैल
– संस्कृत विभाग के पूर्व चेयरमैन प्रो. खालिद बिन यूसुफ
– अंग्रेजी विभाग के डॉ. मोहम्मद यूसुफ अंसारी

Cm yogi: वाइस चांसलर से हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया.

वही 19 प्रोफेशर की कोरोना की मौत के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अलीगढ़ के कोविड कमांड सेंटर पहुंचकर जायजा लिया। सीएम योगी ने इंतजामों को देखा और साथ ही कोरोना से जान गवाने वाले प्रोफेशर के बारे में वाईस चांसलर से चर्चा भी की। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के वाइस चांसलर से हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया.

क्या कोई नया वैरिएंट है शिक्षकों की मौत का जिम्मेदार?

पिछले 20 दिनों में 19 प्रोफेसर की मौत हो चुकी है. इससे लोगों को शक हो रहा है कि कहीं यूनिवर्सिटी में कोई नया वैरिएंट तो नहीं पनप रहा है?

इस कोरोना के प्रकोप से जिस तरह 19 प्रोफेशर की जान गयी है उसके बाद यूनिवर्सिटी के छात्रों में भी भय का माहौल सा बन गया है क्यों की जिस तरह से एक साथ एक ही यूनिवर्सिटी के इतने प्रोफेशर का इस महामारी से चले जाना गंभीर विषय बन गया है लोग इससे नए कोरोना के वेरिएंट के तोर पर भी देखने लगे है अलीगढ़ में भी वेरियंट हो सकता है

क्योंकि वायरस जब फैलता है तो म्यूटेंट बनता ही है। नया म्यूटेंट जो तेजी से फैलता है, वह पुराने म्यूटेंट की जगह ले लेता है। वैसे कोई भी म्यूटेंट हो, सबके फैलने का तरीका एक ही है। सबसे बचाव का एक ही उपाय है। मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करें और वैक्सिनेशन पर जोर दें।

ऑक्सिजन-दवाओं की कमी से ज्यादा मौतें'

एएमयू के कुछ प्रफेसर्स लगातार हो रही मौतों को लेकर सिस्टम पर भी सवाल उठा रहे हैं। हिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रफेसर नदीम रिजवी ने कहा कि जेएन मेडिकल कॉलेज कैंपस के स्टाफ का ध्यान रखता है। कोविड से मौत कम, बल्कि ऑक्सिजन-दवाइयों की कमी और मेडिकल सुविधाओं के अभाव में ज्यादा मौतें हुई हैं। सबको पता था कि कोरोना की दूसरी लहर आएगी पर इसके लिए तैयारी नहीं की गई। मेडिकल कॉलेज को तैयार क्यों नहीं किया गया ताकि वह महामारी को हैंडल कर सके।

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