ई-ऑक्शन से 564 करोड़ रुपए आरक्षित राशि के 74 रॉयल्टी ठेकों की नीलामी प्रक्रिया शुरू

ई-ऑक्शन से 564 करोड़ रुपए आरक्षित राशि के 74 रॉयल्टी ठेकों की नीलामी प्रक्रिया शुरू

अनुमान के अनुसार इन 74 रॉयल्टी ठेकों से राज्य सरकार को 564 करोड़ रु. से अधिक का सालाना राजस्व प्राप्त होगा।

राज्य सरकार ने रॉयल्टी ठेकों की नीलामी प्रक्रिया को निष्पक्ष व पारदर्शी बनाने, छीजत रोकने और अधिक राजस्व प्राप्त करने की कवायद करते हुए 74 रॉयल्टी ठेकों की नीलामी प्रक्रिया शुरु कर दी है। माइन्स व पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि राज्य में खान विभाग के रॉयल्टी ठेकों की रॉयल्टी कलेक्शन कॉन्ट्रेक्ट (आरसीसी) और एक्सेस रॉयल्टी कलेक्शन कॉन्ट्रेक्ट (ईआरसीसी) की नीलामी में देश दुनिया में कहीं भी बैठा हुआ कोई भी इच्छुक व्यक्ति हिस्सा ले सकेगा।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के 17 जिलों के 74 रॉयल्टी ठेकों के लिए ई-ऑक्शन प्रक्रिया से नीलामी के लिए निर्धारित तिथि के अनुसार 7, 8, 9, 10 और 29 सितंबर को ऑनलाईन बोली लगा सकेंगे। एक मोटे अनुमान के अनुसार इन 74 रॉयल्टी ठेकों से राज्य सरकार को 564 करोड़ रु. से अधिक का सालाना राजस्व प्राप्त होगा।

ईआरसीसी, डीएमएफटी, आरएसएमईटी, परमिट, तुलाई शुल्क आदि के दिए जाएंगे।

अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विभागीय समीक्षा बैठक में राज्य में खनिज खोज व खनन गतिविधियों को विस्तारित करने के साथ ही खनिज संपदा से राजस्व बढ़ाने पर जोर दिया था। खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने खनन क्षेत्र में ऑक्शन प्रक्रिया को पारदर्शी और अधिक प्रतिस्पर्धात्मक बनाने पर जोर दिया ताकि अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त हो सके। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री गहलोत के निर्देशों और राज्य सरकार की मंशा के अनुसार यह ठेके खनिजों के खनन पट्टों आदि से निकाले जा रहे खनिज पर वसूल किए जाने वाले आरसीसी, ईआरसीसी, डीएमएफटी, आरएसएमईटी, परमिट, तुलाई शुल्क आदि के दिए जाएंगे।

अधिशुल्क वसूली के लिए दिए जा रहे हैं।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि यह ठेके मुख्यतः खनिज मारबल, चेजा पत्थर, सेण्डस्टोन, जिप्सम, सोपस्टोन, क्वार्टज फेल्सपार, माईका, लाईम स्टोन, बेन्टोनाईट, सिलिकासेण्ड, ग्रेनाइट आदि की खानों से आरआरसी, ईआरआरसी, डीएमएफटी, आरएसएमईटी आदि के शुल्क, अधिशुल्क वसूली के लिए दिए जा रहे हैं। यह ठेकें अलवर, जयपुर, नागौर, उदयपुर, जोधपुर, अजमेर, बाड़मेर, कोटा, बीकानेर, सीकर, भरतपुर, चित्तोड़गढ़, करौली, सिरोही, दौसा, डूंगरपुर और झुन्झुनू की खानों से संबंधित हैं। नीलामी के बाद ठेका किसी अन्य को हस्तांतरण, सबलेट तथा सरेण्डर नहीं किया जा सकेगा

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