मध्यप्रदेश में एक बार फिर हनीट्रैप का मामला चर्चाओं में आ सकता है, क्योंकि तीन प्रमुख महिला आरोपियों को जमानत मिल गई है। इनमें से दो तो जेल से रिहा भी हो गई है। लगभग दो साल पहले मध्य प्रदेश में हनीट्रैप के खुलासे ने हलचल मचा दी थी। इस मामले में तीन महिलाओं श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन और मोनिका यादव की अहम भूमिका थी। इन महिलाओं पर आरोप था कि उन्होंने अधिकारियों को ब्लैकमेल किया था। बीते रोज इंदौर उच्च न्यायालय की खंडपीठ से इन तीनों महिलाओं को जमानत मिल गई थी। इनमें से दो महिलाएं बुधवार की देर शाम को जेल से रिहा भी हो गई।
हनीट्रैप की आरोपी महिलाओं के जेल से रिहा होने के बाद इस बात की चर्चाएं जोरों पर हैं कि अगर इन्होंने बाहर मुंह खोल दिया तो कई लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, जिन लोगों के इन महिलाओं से संपर्क रहे हैं, उनकी चिंता कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है।
सूत्रों की मानें तो ये महिलाएं सत्ता और प्रशासनिक गलियारों में खासी अहमियत रखती थीं, मगर कमलनाथ सरकार के काल में इंदौर के एक इंजीनियर द्वारा की गई शिकायत के बाद इन महिलाओं को दबोचा गया था। उसके बाद से ही यह तीनों महिलाएं जेल में थे।