बिहार में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के विभिन्न मुद्दों पर राय भले ही अलग-अलग हों, लेकिन राज्य में दो विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव को लेकर कहीं कोई मतभेद नजर नहीं आया। राजग ने दोनों सीटों को लेकर जहां प्रत्याशियों की घोषणा कर दी, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों के महागठबंधन अभी भी सीट के बंटवारे को लेकर स्थिति साफ नहीं हो सकी है। राजग ने शुक्रवार को पटना में आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में दोनों सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर महागठबंधन पर बढ़त बना ली है। राजग ने जहां तारापुर से राजीव कुमार सिंह को एवं कुशेश्वर स्थान से अमन भूषण हजारी को अपना प्रत्याशी बनाया है।
संवाददाता सम्मेलन आयोजित होने की सूचना के बाद से ही यह तय हो गया था कि राजग उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा करेगी, लेकिन सबसे बड़ा सवाल था कि क्या राजग के सभी घटक दलों के नेता उपस्थित होंगे। इस संवाददाता सम्मेलन में राजग के सभी घटक दलों के शीर्ष नेताओं ने उम्मीदवारों की घोषणा के दौरान स्वयं मौजूद रहकर आपसी एकता का संदेश देने की कोशिश की।
इस मुद्दे पर जब प्रदेश अध्यक्ष संजय जयासवाल से पूछा गया तो उन्होंने सीधे तो कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन इतना जरूर कहा कि यह सब चलता रहता है।
उल्लेखनीय है कि तारापुर और कुशेश्वरस्थान से जदयू के विधायक थे, जिनके असामयिक निधन से ये सीटें खाली हुई हैं। तारापुर से मेवालाल चैधरी और कुशेश्वरस्थन से शशिभूषण हजारी वर्ष 2020 का चुनाव जीते थे।
हाल के कुछ दिनों की बात की जाए राजग के घटक दलों में विभिन्न मुद्दो पर जमकर टकराव देखा गया। जातीय जनगणना के मुद्दे पर भाजपा के नेता भले ही सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गए थे, लेकिन सही मामलों में भाजपा जातीय जनगणना को सही नहीं मानती है। भाजपा के कई नेता इस पर सार्वजनिक तौर पर बयान देते रहते हैं।