मध्य प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर भयावह रुप ले चुकी है,
मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है तो मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है।
इसके साथ ही अस्पतालों में सुविधाओं का टोटा है।
इतना ही नहीं दवाओं और उपकरणों की कालाबाजारी भी जोर पकड़ रही है।
राज्य सरकार ने कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों कीं सख्या 12 हजार को पार कर गई है।
पॉजिटिव मरीजों की संख्या 22 प्रतिशत से ज्यादा है।
सबसे बुरा हाल इंदौर, भोपाल व ग्वालियर का है,
जहां मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
राज्य के बड़े हिस्से में पूर्णबंदी का सहारा लिया जा रहा है।
शिक्षण संस्थाएं बंद है, अस्पतालों की स्थिति को बेहतर किए जाने के दावे किए जा रहे हैं।
राज्य के कई अस्पतालों में मरीजों को ऑक्सीजन न मिलने, दवाओं की कमी होने, बेड खाली न होने की शिकायतें लगातार आ रही है। इतना ही नहीं रेमडेसिविर इंजेक्शन की भी कालाबाजारी जोरों पर है। वहीं ऑक्सीमीटर व वेपोरब मशीन बाजार से गायब हो चुकी है। कई स्थानों पर कालाबाजारी भी जोरों पर है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी दवाओं और अन्य सामग्री की कालाबाजारी को गंभीरता से लिया है। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि औषधियों और इंजेक्शन के वितरण की न्यायपूर्ण व्यवस्था हो। इनकी कालाबाजारी करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई हो।
वही : मध्यप्रदेश के 27 जिलों में पिछले सप्ताह से कोरोना कर्फ्यू लगा हुआ है। बावजूद संक्रमण की रफ्तार कम नहीं हो रही है। रविवार 18 अप्रैल को 12,897 नए केस आए, जबकि इस दौरान रिकार्ड 79 मौतें हुई।
शहडोल के सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 16 मरीजों की मौत हुई थी। लेकिन सरकारी आंकड़ों में यहां 3 मौतें होना बताया गया है। इससे साफ है कि कोरोना से मरने वालों की संख्या सरकारी रिकार्ड मे दर्ज आंकडों से कहीं ज्यादा है।
पिछले एक सप्ताह (12 से 18 अप्रैल) के आंकड़े देखें तो इस दौरान प्रदेश में 67,345 लोग संक्रमित हुए हैं। यह आंकड़ा हर दिन बढ़ा है। इस मामले में भोपाल ने इंदौर को पीछे छोड़ दिया है।
भोपाल में एक सप्ताह में 10,310 लाेग संक्रमित हुए, जबकि इंदौर में यह संख्या 10,029 रही। यही वजह है कि भोपाल और इंदौर देश के सबसे ज्यादा संक्रमित 10 जिलों में शामिल हैं।