मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बड़ा फैसला ; राजस्थान में अनाथ हुए बच्चों को ढ़ाई हजार रूपये प्रतिमाह और 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर मिलेंगे 5 लाख रूपये

ऐसे बच्चों को 12वीं कक्षा तक पढाई की सुविधा आवासीय विद्यालय अथवा छात्रावास के माध्यम से निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बड़ा फैसला ; राजस्थान में अनाथ हुए बच्चों को ढ़ाई हजार रूपये प्रतिमाह और 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर मिलेंगे 5 लाख रूपये

कोविड-19 महामारी से अपने माता-पिता को खो चुके अनाथ बच्चों का सहाराअब राज्य सरकार बनेगी। कोरोना के कारण माता-पिता दोनों को अथवा एकल जीवित माता या पिता को खोने वाले बेसहारा बच्चों को 'मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना' के तहत तत्काल सहायता के रूप में एक लाख रूपये का एकमुश्त अनुदान तथा 18 वर्ष पूरे होने तक ढ़ाई हजार रूपये की राशि प्रतिमाह दी जाएगी।

अनाथ बालक-बालिका के 18 वर्ष की उम्र होने पर उसे 5 लाख रूपये एक मुश्त सहायता दी जाएगी। ऐसे बच्चों को 12वीं कक्षा तक पढाई की सुविधा आवासीय विद्यालय अथवा छात्रावास के माध्यम से निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।

'मुख्यमंत्री युवा संबल योजना' के तहत बेरोजगारी भत्ता दिए जाने में प्राथमिकता दी जाएगी।

कोविड-19 महामारी के कारण बेसहारा हुई काॅलेज में अध्ययनरत छात्राओं को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में प्राथमिकता के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। काॅलेज में पढ़ने वाले बेसहाराछात्रों को 'अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना' का लाभ मिलेगा। कोविड महामारी से प्रभावित निराश्रित युवाओं को 'मुख्यमंत्री युवा संबल योजना' के तहत बेरोजगारी भत्ता दिए जाने में प्राथमिकता दी जाएगी।

दो हजार रूपये सालाना प्रति बच्चा दिया जाएगा।

इस महामारी के कारण अपने पति को खो चुकी विधवा महिलाओं को भी राज्य सरकार द्वारा एकमुश्त एक लाख रूपये की सहायता अनुदान के रूप में दी जाएगी। साथ ही,ऐसी विधवाओं को प्रतिमाह डेढ़ हजार रूपये विधवा पेंशन दी जाएगी।इसके लियेआयुवर्ग एवं आय की कोई भी सीमा नहीं होगी। इन विधवाओं के बच्चों कोनिर्वाह के लिए एक हजार रूपये प्रतिमाहतथास्कूल ड्रेस एवं किताबों के लिए दो हजार रूपये सालाना प्रति बच्चा दिया जाएगा।

Like and Follow us on :

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com