फार्मा कंपनियों से बात कर रणनीति बनाएंगे पीएम मोदी

जिसमें वह देश भर के प्रतिष्ठित चिकित्सकों से बातचीत कर कोरोना के खतरे को कम करने के लिए सुझाव लेंगे।
फार्मा कंपनियों से बात कर रणनीति बनाएंगे पीएम मोदी

देश में कोरोना के बढ़ते खतरे को कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,

सोमवार को प्रतिष्ठित डॉक्टरों और शीर्ष फार्मा कंपनियों से बात करेंगे।

ताकि देश में कोविड 19 प्रबंधन को गति दी जा सके।

.स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा, वैक्सीनेशन को गति देने

और कई जीवनरक्षक दवाओं की कमी को दूर करने के संबंध में इस बैठक में चर्चा होने की संभावना है।

प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,

आज सायं दो प्रमुख बैठकों को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करेंगे।

पहली बैठक सायं साढ़े चार बजे से होगी,

जिसमें वह देश भर के प्रतिष्ठित चिकित्सकों से बातचीत कर कोरोना के खतरे को कम करने के लिए सुझाव लेंगे।

देश में पिछले कुछ दिनों से दो लाख से अधिक कोरोना संक्रमण के मामले आ रहे हैं।

इसके बाद सायं छह बजे प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शीर्ष फार्मा कंपनियों से वार्ता कर जीवनरक्षक दवाओं, इंजेक्शन के उत्पादन को बढ़ाने की अपील करेंगे।
दरअसल, देश में पिछले कुछ दिनों से दो लाख से अधिक कोरोना संक्रमण के मामले आ रहे हैं।

ऑक्सीजन और जरूरी दवाएं न मिलने की खबरें आ रही हैं।

दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु आदि राज्यों में ज्यादा संख्या में रोजाना केस सामने आ रहे हैं। गंभीर मरीजों की बढ़ती संख्या से स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ा है। देश के कई हिस्सों में गंभीर मरीजों को आईसीयू बेड, ऑक्सीजन और जरूरी दवाएं न मिलने की खबरें आ रही हैं।

इसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दो महत्वपूर्ण बैठकों के माध्यम से डॉक्टरों और शीर्ष फार्मा कंपनियों से मुखातिब होकर कोरोना के खतरे से निपटने की रणनीति बनाएंगे।

महाराष्ट्र में देश के 40% कोरोना मरीज हैं तो उन्हें रेमडेसिविर भी उसी हिसाब से दिए जाने चाहिए।

वही महाराष्ट्र में रेमडेसिविर की कमी पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने नोटिस लिया है। कोर्ट की नागपुर बेंच ने सोमवार को केंद्र सरकार से सवाल किया कि राज्यों को यह इंजेक्शन किस आधार पर बांटा जा रहा है? कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र में देश के 40% कोरोना मरीज हैं तो उन्हें रेमडेसिविर भी उसी हिसाब से दिए जाने चाहिए।

हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को भी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि जिलों को मनमाने तरीके से रेमडेसिविर का बंटवारा किया जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने 13 अप्रैल और 18 अप्रैल को नागपुर में रेमडेसिविर की एक भी वायल (शीशी) क्यों नहीं भेजी? अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि सोमवार रात 8 बजे तक 10 हजार डोज नागपुर भेजी जाए।

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