केरल के वायनाड जिले में नियमों का उल्लंघन कर सदियों पुराने शीशम के पेड़ों को काटने से जुड़े कथित घोटाले ने शुक्रवार को एक नया मोड़ ले लिया । इस मसले पर भाजपा ने वायनाड के सांसद राहुल गांधी से अपनी चुप्पी तोड़ने की मांग की है। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की और वायनाड जिले में शीशम के पेड़ों की बड़े पैमाने पर कटाई के संबंध में उनके मंत्रालय से विस्तृत जांच की मांग की।
मुरलीधरन को शुक्रवार की सुबह जिले के उन भीतरी इलाकों में घूमते देखा गया जहां अवैध रूप से पेड़ों को काटा गया था।
मुरलीधरन ने कहा, वायनाड निर्वाचन क्षेत्र अब एक हाई प्रोफाइल बन गया है । इलाके में अवैध रूप से काटे गए और बेचे गए करोड़ों वन पेड़ों को लेकर इसके सांसद गांधी आश्चर्यजनक रूप से चुप हैं।
उन्होंने कहा, हमने उनसे एक शब्द भी नहीं सुना है। तो क्या इसका मतलब यह है कि जो हो रहा है उस मसले पर वह भी एक मूक समर्थक है? उन्हें अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए।
उन्होंने जावड़ेखर से कहा कि वायनाड और अन्य जिलों में विभिन्न स्थानों से काटे गए शीशम के पेड़ों के 130 करोड़ रुपये के व्यापार का पता लगाने के लिए एक जांच शुरू की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, बहुत समय पहले, जब अधिकारियों द्वारा अमेजॅन के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए कदम नहीं उठाए गए थे, तो वर्तमान में यहां सत्ता में बैठे लोगों ने इस घटना के विरोध में विरोध प्रदर्शन किया।
रोजी ऑगस्टाइन नाम के एक लकड़ी व्यापारी पर जब वन अधिकारियों ने आरोप लगाया कि उसने वायनाड में महंगे शीशम के पेड़ काटे थे, तो उसने दावा किया था कि उसने नियमों के अनुसार पेड़ों को काटा था और आवश्यक कागजात प्राप्त करने के लिए, उसने वन अधिकारियों को 25 लाख रुपये की रिश्वत दी।
संयोग से, केरल विधानसभा में मंगलवार को कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने इस मुद्दे को उठाया, जबकि अगले दिन केरल उच्च न्यायालय में भी यही मामला सामने आया।