किसानों को कृषि से अधिकाधिक लाभ मिले, युवाओं को कृषि से जोड़ने के कृषि प्रबन्ध पाठ्यक्रमों की पहल हो –राज्यपाल

कृषि शोध एवं अनुसंधान में भारतीय चिंतन और दृष्टि का अधिकाधिक समावेश किए जाने का भी आह्वान किया।
किसानों को कृषि से अधिकाधिक लाभ मिले, युवाओं को कृषि से जोड़ने के कृषि प्रबन्ध पाठ्यक्रमों की पहल हो –राज्यपाल

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कृषि शिक्षा के अंतर्गत विभिन्न फसलों की उच्च गुणवत्तायुक्त किस्मों के विकास के साथ स्थान विशेष की जलवायु के अनुरूप अधिक उत्पादन की खेती का प्रसार किए जाने का आह्वान किया है। उन्होंने ऎसे शोध कायोर्ं में रूचि लेकर कार्य करने पर भी जोर दिया है, जिनसे किसानों को कृषि से ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। उन्होंने युवाओं को कृषि से अधिकाधिक जोड़े जाने के लिए कृषि प्रबन्ध के नवीन पाठ्यक्रमों की पहल किए जाने की भी आवश्यकता जताई।

मिश्र शनिवार को श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि महाविद्यालय, जोबनेर के प्लेटिनम जुबली वर्ष के शुभारम्भ समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि में इस बात पर ध्यान देना बहुत जरूरी है कि हम देखा-देखी विदेशी परियोजनाओं को ही नहीं अपनाएं बल्कि हमारी जलवायु, मिट्टी की उर्वरा शक्ति और सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता के अनुरूप फसलों का अधिक उत्पादन लेने के प्रयास करें। उन्होंने कृषि शोध एवं अनुसंधान में भारतीय चिंतन और दृष्टि का अधिकाधिक समावेश किए जाने का भी आह्वान किया।

बीज एजेंसियों को गुणवत्ता युक्त बीज उपलब्ध कराने में भूमिका निभाने के कायोर्ं की सराहना भी की।

मिश्र ने कहा कि प्राचीन भारतीय ग्रंथों में कृषि से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां हैं। यहां के किसानों के पास खेती से जुड़े विरल अनुभव हैं। इन सबका समावेश करते हुए विद्यार्थी ऎसी शोध परियोजनाओं पर कार्य करें जिनसे भारतीय संस्कृति के अनुरूप कृषि विकास को गति मिल सके।

उन्होंने जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय द्वारा पोषण तत्वों से भरपूर बाजरे, जौ, सौंफ की नवीन किस्में विकसित किए जाने, स्थानीय किसानों और बीज एजेंसियों को गुणवत्ता युक्त बीज उपलब्ध कराने में भूमिका निभाने के कायोर्ं की सराहना भी की।

उन्होंने कृषि शिक्षा में गुणवत्ता के साथ आधुनिक सोच के साथ आगे बढ़ने के लिए भी आह्वान किया।

उन्होंने जोबनेर कृषि महाविद्यालय द्वारा 74 वषोर्ं की गौरवमय यात्रा पूर्ण करने की चर्चा करते हुए कहा कि देश का यह पहला कृषि शिक्षा का उच्च शिक्षा केन्द्र आज विश्वविद्यालय रूप में कृषि शिक्षा, शोध एवं अनुसंधान के साथ शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने कृषि शिक्षा में गुणवत्ता के साथ आधुनिक सोच के साथ आगे बढ़ने के लिए भी आह्वान किया।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पानी की कमी के कारण राजस्थान अकाल और सूखे की मार से जूझता रहा है, इन चुनौतियों के बावजूद प्रदेश में कृषि क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में प्रदेश में पांच कृषि विश्वविद्यालयों की स्थापना के साथ-साथ बड़ी संख्या में कृषि महाविद्यालय खोले गए हैं।

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