इंदौर में कोरोना में जान गंवाने वालों लोगों के बच्चों की फीस होगी माफ

इंदौर में कोरोना में जान गंवाने वालों लोगों के बच्चों की फीस होगी माफ

सभी का दायित्व है कि ऐसे वक्त में जब बच्चों ने अपने अभिभावकों को खोया है, हम उनके अभिभावक बनकर मदद करें।''

मध्यप्रदेश में एक बड़ा सरहानीय कदम लिया गया है उस कदम की हम बात करे उससे पहले में आपको बता दू की स्कूल फीस को लेकर राजस्थान से लेकर कई अन्य राज्यों के अभिभावकों ने कोर्ट का दरवाजा खट खटाया है वही इस बीच एक बड़ा सरहानीय कदम देखने को मिला है कोरेाना महामारी में जान गंवाने वालों के स्कूली शिक्षा हासिल कर रहे बच्चों के लिए सांसद सेवा संकल्प योजना शुरु की गई है। इस योजना में जिन बच्चों के अभिभावकों की मृत्यु हुई है उनकी फीस माफ की जाएगी।

क्षेत्रीय सांसद शंकर लालवानी ने योजना के संदर्भ में बताया, " यह योजना कोरोना मृत हुए अभिभावकों के बच्चों की स्कूली शिक्षा को निरंतर बनाये रखने तथा बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिये शुरू की गई है। सभी का दायित्व है कि ऐसे वक्त में जब बच्चों ने अपने अभिभावकों को खोया है, हम उनके अभिभावक बनकर मदद करें।"

मृत अभिभावकों के बच्चों की शत-प्रतिशत फीस माफ करने की सहमति प्रदान की

उन्होंने सीबीएसई सहित सभी पाठ्यक्रमों के स्कूल संचालकों से आग्रह किया कि वे अपने यहां ऐसे सभी बच्चों की शत-प्रतिशत फीस माफ करें। इस संबंध में सासंद ने सभी स्कूलों को पत्र लिखकर इस संबंध में आग्रह किया गया है। साथ ही वेबसाइट बनाकर ऐसे बच्चों की सूची आवेदन मंगाकर तैयार की जा रही है।

सांसद लालवानी और कलेक्टर मनीष सिंह ने प्रीतमलाल दुआ सभागृह में प्राइवेट स्कूलों के संचालकों से बुधवार को चर्चा की। बैठक में अधिकांश स्कूलों ने कोरोना से मृत अभिभावकों के बच्चों की शत-प्रतिशत फीस माफ करने की सहमति प्रदान की।

इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन हो और अधिक से अधिक बच्चों को इसका लाभ मिले यह सुनिश्चित किया जाये।

बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि इंदौर की गौरवशाली परम्परा रही है कि संकट के वक्त सभी मिलजुल कर जरूरतमंदों की मदद करते है। इसी परम्परा को जरूरतमंद बच्चों की फीस माफ कर आगे बढ़ाया जाये। इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन हो और अधिक से अधिक बच्चों को इसका लाभ मिले यह सुनिश्चित किया जाये।

बैठक में मिशनरी, विभिन्न ट्रस्ट और संस्थाओं आदि द्वारा संचालित सीबीएसई के स्कूलों, अन्य पाठयक्रमों के स्कूलों के संचालकों ने फीस माफ करने पर सहमति दी है और भरोसा दिलया है कि वे ऐसे बच्चों की हर संभव मदद करेंगे, जिनके अभिभावकों की कोरोना के चलते मौत हुई है।

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