नीति आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कोरोना प्रबंधन को सराहा

मालूम हो कि इसी प्रबंधन के बूते बहुत कम समय में राज्य सरकार 250 मिट्रिक टन ऑक्सीजन आपूर्ति को 1000 एमटी तक ले जाने में सफल रही।
नीति आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कोरोना प्रबंधन को सराहा

कोविड प्रबंधन को लेकर यूपी के योगी मॉडल को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के बाद नीति आयोग ने भी सराहा। आयोग ने कोरोना के अभूतपूर्व संकट के दौरान देश की सबसे बड़ी आबादी वाले उत्तर प्रदेश में हर जरूरतमंद तक शीघ्र ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए ऑक्सीजन के आपूर्ति की मॉनिटरिंग और रीयल टाइम प्रबंधन का जो सिस्टम विकसित किया, उसकी ट्वीट कर तारीफ की। अब तो केंद्र और कई राज्य भी अपने वहां इस सिस्टम को लागू कर रहे हैं।

मालूम हो कि इसी प्रबंधन के बूते बहुत कम समय में राज्य सरकार 250 मिट्रिक टन ऑक्सीजन आपूर्ति को 1000 एमटी तक ले जाने में सफल रही। यह किसी भी राज्य के आपूर्ति का सर्वाधिक है। इसके पहले डब्ल्यूएचओ ने भी ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना प्रबंधन के लिए योगी सरकार की तारीफ की थी। डब्लूएचओ या नीति आयोग जैसी दुनिया और देश की शीर्ष संस्थाएं यूं ही नहीं किसी देश या प्रदेश की तारीफ कर देती हैं।

योगी आदित्यनाथ के कोरोना प्रबंधन को सराहा था।

तारीफ करने से पहले भी इस बात की गहन परख की जाती है कि संबधित विषय के प्रबंधन के लिए संबधित सरकार ने क्या योजना बनाई, उसका क्रियान्वयन कैसे किया, क्रियान्वयन के नतीजे क्या आए। इसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचकर सार्वजनिक बयान आता है।

कोविड प्रबंधन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दूसरी बार योगी सरकार की सराहना की है। डब्ल्यूएचओ की तरफ से ट्विटर पर की गई सकारात्मक टिप्पणी के बाद दुनियाभर से लोग योगी आदित्यनाथ के कोरोना प्रबंधन को सराहा था।

ये टीमें घाटों के किनारे और नदियों में नाव के जरिए गश्त करेंगी।

वही गंगा में बड़ी संख्या में शव मिलने और घाट किनारे लाशों के दफन होने की 'दैनिक भास्कर' की खबर के चंद घंटों बाद ही उत्तर प्रदेश सरकार ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को ही 'दैनिक भास्कर' ने 'UP में गंगा किनारे के 27 जिलों से ग्राउंड रिपोर्ट' पब्लिश की थी। इसके बाद से सरकारी अमले में हलचल तेज हो गई। कुछ घंटों में ही सरकार ने सभी जिलों में नदियों में शव प्रवाहित करने पर रोक लगा दी।

राज्य सरकार ने किनारों पर पेट्रोलिंग बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया। पेट्रोलिंग की जिम्मेदारी SDRF और PAC की जल पुलिस को दी गई है। सभी जिलों में इसकी टीमें 24 घंटे लगातार मॉनिटरिंग करेंगी। ये टीमें घाटों के किनारे और नदियों में नाव के जरिए गश्त करेंगी।

उधर, केंद्र सरकार ने IIT कानपुर के एक्सपर्ट प्रो. विनोद तारे को इस मामले की जांच सौंपी है। सरकार जानना चाहती है कि लाशों से गंगा नदी और उससे आम लोगों पर क्या असर पड़ेगा। प्रो. तारे ने कहा कि ये गलत तरीका है और इसे आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए।

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